राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के स्वामित्व से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य जमीन पर स्वामित्व स्थापित करने और वंशावली को सही ढंग से रिकॉर्ड में दर्ज करना है। मंगलवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इन नियमों को स्पष्ट करते हुए अधिसूचना जारी की।
स्वामित्व और वंशावली का नया प्रारूप
महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई महिला अपने पिता की जमीन पर स्वामित्व का त्याग शपथ पत्र के माध्यम से नहीं करती है, तो उनका अधिकार बरकरार रहेगा। इसके साथ ही, रैयतों को वंशावली में अपनी बहन-बेटियों के नाम दर्ज करना अनिवार्य होगा।
जिन जमीनों पर केवल लगान रसीद मौजूद है लेकिन जमाबंदी नहीं है, उनके लिए भूमि सर्वेक्षण के दौरान चौहद्दीदारों के बयान के आधार पर निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। चौहद्दी में खेसरा स्वामित्व के तहत अगर किसी रैयत का नाम दर्ज है तो उनके नाम से खाता खोला जाएगा।
अनाबाद जमीन और दखलकार
जो जमीन सर्वे-खतियान में अनाबाद बिहार सरकार के खाते में दर्ज है और उस पर मकान बना हुआ है, वहां दखलकार के उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रैयती खाता खोला जाएगा। अगर वर्तमान दखलकार या उनके वंशज का स्वामित्व स्पष्ट है, तो उनके नाम से खाता तैयार किया जाएगा।
बंटवारे के नियम
आपसी सहमति से हस्ताक्षरित बंटवारे को दिशा-निर्देश में मान्यता दी गई है। अगर किसी बंटवारे में असहमति होती है, तो संयुक्त खाता खोला जाएगा। वहीं, निबंधित बंटवारे या न्यायालय के आदेश पर आधारित विभाजन को भी स्वीकृति दी जाएगी।
विशेष रूप से, अगर कैडेस्ट्रल सर्वे में जमीन रैयती है लेकिन रिवीजनल सर्वे में अनाबाद सरकार या सर्व साधारण के नाम दर्ज है, और सिविल सूट में रैयत के पक्ष में निर्णय हुआ है, तो इसे रैयती मानकर खाता खोला जाएगा।
महिलाओं के अधिकार
महिलाओं के संपत्ति अधिकार को मजबूत बनाने के लिए दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि अगर महिलाएं संपत्ति का परित्याग नहीं करतीं, तो उन्हें अपने पिता की जमीन में बराबर का अधिकार मिलेगा। अगर शपथ पत्र द्वारा परित्याग किया गया है, तो खाता में उनका नाम दर्ज नहीं होगा।
वंशावली का महत्व
वंशावली रिकॉर्ड में बहन-बेटियों के नाम दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। अगर वंशावली सही ढंग से समर्पित नहीं की जाती, तो खाता प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। विभाग ने यह भी कहा है कि रैयतों के पास जमाबंदी और लगान रसीद अद्यतन न होने पर भी स्वामित्व की स्थिति प्रभावित नहीं होगी।