अमेरिका के चुनाव परिणामों के बाद, डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी ने न केवल अमेरिकी राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी इसका सकारात्मक असर देखने की उम्मीद जताई जा रही है।
भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि ट्रंप की वापसी से दुनिया भर में कच्चे तेल की आपूर्ति में वृद्धि हो सकती है, जिससे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। हालांकि अभी तक इसका कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इसका असर साफ तौर पर महसूस होगा।
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी का असर वैश्विक तेल बाजार पर
ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद, कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिकी पेट्रोलियम उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है, जिससे वैश्विक बाजार में तेल की आपूर्ति में सुधार हो सकता है। हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, अमेरिका का तेल उत्पादन वर्तमान में 13 लाख बैरल प्रति दिन (MBD) है, और इसमें लगभग 10 लाख बैरल प्रति दिन का इजाफा होने की संभावना है। इससे वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में कमी का दबाव बनेगा, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत मिल सकती है।
कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती है
हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, यदि तेल उत्पादन में वृद्धि होती है और कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ती है, तो आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती है। यह भारत सहित दुनिया भर के उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर हो सकती है, क्योंकि इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद है।
हालांकि, पुरी ने यह भी बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव, और ऑयल प्रोड्यूसिंग देशों द्वारा उत्पादन में कटौती जैसे कारक कच्चे तेल की कीमतों पर प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन फिर भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रंप के सत्ता में लौटने से वैश्विक तेल बाजार में सुधार होगा।
भारत को फायदा होगा, लेकिन सावधानी बरतने की आवश्यकता
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की संभावना से उपभोक्ताओं में खुशी की लहर है। हालांकि, भारत को वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कुछ अन्य कारक भी असर डाल सकते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-ईरान जैसे राजनीतिक मुद्दे कीमतों में अस्थिरता ला सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप के प्रशासन की नीतियां वैश्विक तेल उत्पादन को बढ़ावा देंगी, जिससे पेट्रोलियम कीमतों पर दबाव बनेगा।