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बड़ी खबर: नए साल से पहले महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, हर खाते में जमा होंगे 4000-4000 रुपए!

सखी योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके तहत, महिलाएं बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट के रूप में काम करती हैं और मानदेय तथा कमीशन अर्जित करती हैं। इससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है और वे अपने समुदाय में सशक्त बनती हैं। इस योजना से 60,000 महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है, जिससे उनकी मासिक आय 10,000 रुपये तक हो सकती है।

By PMS News
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बड़ी खबर: नए साल से पहले महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, हर खाते में जमा होंगे 4000-4000 रुपए!
Sakhi Scheme

सखी योजना एक सरकारी पहल है जो खासतौर पर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है। इस योजना के तहत, महिलाएं बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट (Business Correspondent) के रूप में काम करती हैं और इसके बदले उन्हें सरकार द्वारा मानदेय और कमीशन मिलता है।

क्या है सखी योजना?

सखी योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने का है। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे बैंकिंग कार्य जैसे खाता खोलना, पैसे जमा करना, और पैसे निकालना कर सकें। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को हर महीने 4000 रुपये देती है और यदि महिलाएं अधिक काम करती हैं, तो उन्हें कमीशन भी मिलता है।

सखी योजना से महिलाओं को क्या फायदे हैं?

सखी योजना से महिलाओं को कई फायदे मिलते हैं:

  • महिलाएं अपनी मेहनत से पैसे कमाती हैं, जिससे उनका आर्थिक स्वतंत्रता मिलता है।
  • महिलाएं ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का कार्य करती हैं, जिससे उन्हें रोजगार मिलता है।
  • महिलाओं को बैंकिंग के विभिन्न कामों का प्रशिक्षण मिलता है, जिससे वे अपने समुदाय में सशक्त बनती हैं।
  • हर महीने उन्हें 4000 रुपये का मानदेय और कमीशन मिलता है, जिससे उनकी मासिक आय बढ़ सकती है।

सखी योजना में कमीशन का प्रावधान

इस योजना में एक विशेष बात यह है कि महिलाओं को न केवल मानदेय मिलता है, बल्कि उन्हें कमीशन भी मिलता है। जब महिलाएं ज्यादा बैंकिंग सेवाएं देती हैं, तो उनके कमीशन में भी वृद्धि होती है। इस तरह, वे 10,000 रुपये से अधिक की आय भी कमा सकती हैं।

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सखी योजना के तहत कैसे काम करते हैं बिज़नेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट्स?

बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट्स के रूप में महिलाएं ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराती हैं। वे पैसे जमा करना, खाता खोलना, ट्रांसफर करना और अन्य बैंकिंग कार्य करती हैं। इसके बदले में सरकार उन्हें मानदेय देती है और इसके अलावा वे अपने काम से कमीशन भी कमा सकती हैं। इस योजना का उद्देश्य है कि महिलाएं अपने परिवार का खर्च आसानी से चला सकें और आत्मनिर्भर बनें।

सखी योजना के अंतर्गत महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं

सखी योजना में महिलाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाता है। इस योजना के जरिए महिलाओं को स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिलता है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत 60,000 महिलाओं को रोजगार मिले, हालांकि अभी 30,000 महिलाएं इस योजना से जुड़ी हुई हैं।

क्या सखी योजना सिर्फ ग्रामीण महिलाओं के लिए है?

जी हां, यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए है, ताकि वे बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें। इस योजना के तहत महिलाओं को बैंकिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है और वे अपने गांव या कस्बे में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती हैं।

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