Sarkari Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने और उनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘भाग्य लक्ष्मी योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना राज्य के उन गरीब परिवारों के लिए बनाई गई है जो बेटी के जन्म के समय आर्थिक तंगी का सामना करते हैं। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार गरीब परिवारों की बेटियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि न केवल उनका पालन-पोषण बेहतर तरीके से हो सके, बल्कि उनकी शिक्षा और भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
भाग्य लक्ष्मी योजना का उद्देश्य
भाग्य लक्ष्मी योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बालिकाओं के जन्म को बढ़ावा देना और उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। कई गरीब परिवार आर्थिक तंगी के कारण बेटियों के जन्म पर खुशी नहीं मना पाते और उनका भविष्य सुरक्षित करने में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं। इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं को एक सशक्त भविष्य की दिशा में कदम उठाने का अवसर प्रदान कर रही है।
योजना के माध्यम से बालिका के जन्म पर माता-पिता को न केवल वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि सरकार द्वारा उनके शिक्षा और भविष्य के लिए भी प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, उनके प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना और परिवारों पर आर्थिक बोझ को कम करना है।
योजना के लाभ
Bhagya Lakshmi Yojana के तहत जब किसी गरीब परिवार में बेटी का जन्म होता है, तो सरकार उस परिवार को 50,000 रुपए का बॉन्ड प्रदान करती है। यह राशि बालिका के 21 साल पूरे होने पर परिपक्व होकर 2 लाख रुपए तक पहुंच जाती है, जो उसके भविष्य की बड़ी जिम्मेदारी जैसे कि शिक्षा या शादी में उपयोगी हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, बालिका के जन्म के समय उसकी मां को 5,100 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि नवजात बच्ची की देखभाल में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। बालिका की शिक्षा के लिए भी सरकार ने अलग-अलग चरणों में कुल 23,000 रुपए की आर्थिक सहायता की व्यवस्था की है। जैसे कि बालिका के छठी कक्षा में पहुंचने पर 3,000 रुपए, आठवीं कक्षा में 5,000 रुपए, दसवीं कक्षा में 7,000 रुपए और 12वीं कक्षा में 8,000 रुपए की धनराशि दी जाएगी। यह सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
UP Bhagya Lakshmi Yojana के लिए पात्रता
भाग्य लक्ष्मी योजना का लाभ पाने के लिए कुछ पात्रताएं निर्धारित की गई हैं। सबसे पहले, आवेदक को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। यह योजना केवल उन परिवारों की बेटियों के लिए है जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं है। इसके अलावा, परिवार को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के रूप में मान्यता प्राप्त होना चाहिए। एक परिवार की अधिकतम दो बेटियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
इस योजना के तहत नवजात बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, और उसका बैंक खाता होना चाहिए जो आधार कार्ड से लिंक हो। साथ ही, जिन बालिकाओं का इस योजना में नामांकन हो चुका है, उनकी शादी 18 साल से पहले नहीं की जा सकती।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे:
- मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आंगनवाड़ी में नामांकन
- माता-पिता का आधार कार्ड
- बीपीएल कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता पासबुक