ग्वालियर हाई कोर्ट की खंडपीठ में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई हुई। यह मामला उस युवती से जुड़ा था, जो कुछ समय पहले अपने घर से गायब हो गई थी। जब उसे कोर्ट में पेश किया गया, तो उसने अपने बयान में कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी और अब वह जिस युवक के साथ गई है, उसके साथ ही शादी करना चाहती है।
युवती के पिता ने कोर्ट में यह कहा कि युवक रिश्ते में लड़की का मामा लगता है, और उन्होंने अदालत से युवती को खोजने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की बातों को ध्यान से सुना और यह पाया कि युवती वयस्क है और अपनी मर्जी से जीवन के निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। इसके बाद कोर्ट ने युवती को उसके निर्णय के अनुसार जाने की अनुमति दे दी।
यह मामला ग्वालियर के गोले के मंदिर स्थित कुंज विहार कॉलोनी का था, जहां से युवती गायब हो गई थी। उसके परिजन उसे खोजने के लिए कई प्रयासों में जुटे रहे, लेकिन युवती का कोई सुराग नहीं मिला। बाद में, उसके पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिससे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई।