स्मार्ट किसान अपनी मेहनत और लागत को कम करने के लिए उच्च उपज वाली प्याज की उन्नत किस्मों का चयन करते हैं। प्याज की उन्नत किस्मों जैसे एग्री फाउंड और एनएचआरडीएफ रेड ने किसानों के लिए डबल मुनाफा कमाने के रास्ते खोल दिए हैं। यह लेख आपको प्याज की सबसे बेहतरीन किस्मों की जानकारी देगा, जो रोग प्रतिरोधी होने के साथ-साथ लंबे समय तक भंडारण के लिए उपयुक्त हैं।
एग्री फाउंड लाइट रेड प्याज
एग्री फाउंड की लाइट रेड किस्म, प्याज की उन्नत किस्मों में से एक है। यह प्रति हेक्टेयर 30-32 टन की उपज देती है और 100-120 दिनों में तैयार हो जाती है। इस प्याज का स्वाद मीठा होता है और इसे लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है। यह रोग प्रतिरोधक भी है, जो इसे किसानों के बीच लोकप्रिय बनाती है।
एनएचआरडीएफ रेड प्याज
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन द्वारा विकसित एनएचआरडीएफ रेड किस्म 100-110 दिनों में तैयार हो जाती है। यह प्रति हेक्टेयर 25-30 टन उपज देती है और इसके प्याज का आकार 3 से 5 सेंटीमीटर बड़ा होता है। यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और इंफाल जैसे राज्यों के लिए उपयुक्त है और रबी सीजन में अधिक उत्पादन देती है।
एनएचआरडीएफ रेड-2
एनएचआरडीएफ रेड-2 उत्तरी, मध्य और पश्चिमी भारत में रबी के मौसम के लिए अनुकूल है। यह किस्म 30-40 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है और 100-120 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके प्याज गोल, हल्के लाल और आकर्षक होते हैं, जो इसे बाजार में उच्च मांग दिलाते हैं।
एनएचआरडीएफ रेड-3
एनएचआरडीएफ रेड-3 की खासियत इसका गोल आकार और हल्का लाल रंग है। यह 110-130 दिनों में तैयार हो जाती है और 30-40 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में यह किस्म रबी मौसम में उगाई जाती है।
खरीफ और रबी दोनों में उपयुक्त
अर्का निकेतन प्याज की एक ऐसी किस्म है, जिसे खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है। यह किस्म सामान्य तापमान में 5 महीने तक भंडारण योग्य है और प्रति हेक्टेयर 32-34 टन उपज देती है। यह 130-150 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को लगातार अच्छी आय मिलती है।