
गर्मियों में जब तपती धूप शरीर से सारा पानी खींच लेती है, तब मटके का पानी सिर्फ ठंडक नहीं, सेहत का तोहफा बनकर सामने आता है। मटके का पानी प्राकृतिक तरीके से ठंडा होता है और उसमें मौजूद मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। यह ना सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि पाचन, इम्युनिटी और शरीर की कुल कार्यक्षमता को भी बेहतर बनाता है।
पाचन में सुधार के लिए रामबाण है मटके का पानी
मटके का पानी पीने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है। मिट्टी के घड़े से निकला पानी ना तो ज्यादा ठंडा होता है और ना ही पेट के लिए हानिकारक। इसके सेवन से गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह पानी आंतों की क्रियाशीलता को संतुलित करता है और भोजन के पचने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
भीषण गर्मी में शरीर को ठंडक देने वाला प्राकृतिक उपाय
गर्मी के मौसम में लू लगने और शरीर में हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। मटके का पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और अधिक गर्मी से बचाता है। फ्रिज के बर्फीले पानी के मुकाबले यह अधिक अनुकूल और संतुलित ठंडक देता है, जो शरीर के अंगों को आराम पहुंचाता है।
गले के संक्रमण और खराश में फायदेमंद
गले में खराश, सूजन या शुरुआती संक्रमण की स्थिति में मटके का पानी एक बेहतर विकल्प है। यह अत्यधिक ठंडा नहीं होता, जिससे गले को कोई झटका नहीं लगता और उसका प्राकृतिक तापमान बना रहता है। इस तरह मटके का पानी न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि गले की सेहत का भी ख्याल रखता है।
मिनरल्स से भरपूर प्राकृतिक पेय
मटके में रखा पानी मिट्टी के संपर्क में आकर प्राकृतिक मिनरल्स को अवशोषित कर लेता है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे मिनरल्स शरीर की हड्डियों, मांसपेशियों और नसों के लिए आवश्यक होते हैं। यह पानी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है, खासकर गर्मी में जब अधिक पसीना निकलता है।
प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में सहायक
मटके का पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) भी बेहतर होती है। यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से हाइड्रेट करता है और शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है। इससे शरीर अंदर से मजबूत बनता है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
ध्यान रखें ये बातें मटके के पानी को सुरक्षित बनाने के लिए
मटके को साफ-सुथरा रखना बेहद जरूरी है, ताकि उसमें बैक्टीरिया या कीटाणु न पनपें। मटके को हमेशा ढक्कन से ढककर रखें और उसके चारों ओर गीला कपड़ा लपेटने से पानी जल्दी ठंडा होता है। सर्दियों में मटके का पानी पीने से परहेज करें, क्योंकि यह शरीर को ठंडक नहीं देता और सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है।