पैतृक संपत्ति का विक्रय भारतीय समाज में एक संवेदनशील और जटिल प्रक्रिया है, जिसमें कानूनी प्रावधानों का पालन आवश्यक है। हाल ही में, इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव और अद्यतन सामने आए हैं, जिन्हें जानना हर संपत्ति धारक के लिए आवश्यक है।
पैतृक संपत्ति बेचने से पहले उपरोक्त कानूनी प्रावधानों और प्रक्रियाओं का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल कानूनी समस्याओं से बचा जा सकता है, बल्कि पारिवारिक विवादों की संभावना भी कम होती है। संपत्ति बेचने से पहले संबंधित कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें, ताकि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं सही तरीके से पूरी की जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि यदि कोई हिंदू उत्तराधिकारी अपनी पैतृक संपत्ति बेचना चाहता है, तो उसे पहले यह संपत्ति अपने परिवार के सदस्यों को बेचने का प्रयास करना होगा। यह निर्णय हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 22 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य पारिवारिक संपत्ति को बाहरी व्यक्तियों के हाथों में जाने से रोकना है।
भूमि रजिस्ट्री के नए नियम 2025
1 जनवरी, 2025 से भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- अब सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में जमा किए जाएंगे, जिससे रजिस्ट्रार कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री की जा सकेगी, और डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग होगा।
- प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य होगा, जिससे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्री की संभावना समाप्त होगी।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि रजिस्ट्री स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के की गई है।
- रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।
बिहार में पैतृक संपत्ति बेचने के नियम
बिहार में भूमि निबंधन नियमों में संशोधन के बाद, पैतृक भूमि बेचने से पहले पारिवारिक बंटवारा कर जमीन का दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) कराना आवश्यक है। इसके बिना रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी नहीं होगी।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम
यदि सरकार सार्वजनिक उपयोग के लिए आपकी भूमि का अधिग्रहण करती है, तो भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकार तथा पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत आपको उचित मुआवजा और पुनर्वास का अधिकार है।
आवश्यक दस्तावेज
भूमि रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि।
- भूमि के दस्तावेज: जमाबंदी, खतौनी, नक्शा आदि।
- एनओसी: बैंक या संबंधित प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र।
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें: संपत्ति कर से संबंधित रसीदें।