गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने Renewable Energy को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब, 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े प्लॉट का नक्शा पास करवाने के लिए सोलर पैनल लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के इसी तरह के निर्णय के बाद GDA ने भी इसे अपने बिल्डिंग बायलॉज में शामिल कर लिया है। इस कदम का उद्देश्य ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
सोलर सिस्टम न होने पर नहीं मिलेगा Completion Certificate
नए नियमों के अनुसार, अगर आपके घर पर सोलर पैनल नहीं लगे हैं, तो GDA कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा। बिना सर्टिफिकेट के, घर को अवैध माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकती है। GDA की हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। सोलर पैनल न सिर्फ बिजली के खर्च को कम करेंगे, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सब्सिडी के साथ सोलर सिस्टम लगाना होगा आसान
सरकार ने सोलर सिस्टम लगाने को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की सुविधा भी प्रदान की है। एक किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने का खर्च 54,000 से 80,000 रुपये के बीच आता है। इसमें सरकार 30 से 40 प्रतिशत तक की छूट देती है। पीएम सूर्यधर योजना के तहत, 2 लाख घरों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें गाजियाबाद को 10,000 घरों का टारगेट मिला है। इस सब्सिडी के चलते सोलर सिस्टम लगवाना आर्थिक रूप से भी व्यवहारिक हो गया है।
प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभाएगा सोलर सिस्टम
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बिजली की खपत को कम करेगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को सोलर पैनल के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकेगा। सोलर सिस्टम के उपयोग से गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।