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Land registry at home: बदल गए नियम,अब घर बैठे आसानी से करा सकेंगे रजिस्ट्री, बार-बार नहीं लगाने पड़ेंगे ऑफिस के चक्कर

छत्तीसगढ़ सरकार की नई पेड सर्विस के माध्यम से अब जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री घर बैठे आसानी से की जा सकती है। इस सेवा के लिए 25 हजार रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है, और परिवार के सदस्यों के लिए हक त्याग रजिस्ट्री मात्र 500 रुपये में संभव है।

By PMS News
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Land registry at home: बदल गए नियम,अब घर बैठे आसानी से करा सकेंगे रजिस्ट्री, बार-बार नहीं लगाने पड़ेंगे ऑफिस के चक्कर
Land registry at home

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए एक नई पेड सर्विस शुरू की है। अब आवेदकों को रजिस्ट्रेशन कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है। इस नई सुविधा के लिए 25 हजार रुपये का शुल्क तय किया गया है।

यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो समय और मेहनत की बचत करना चाहते हैं। इसके तहत सभी दस्तावेजी कार्यवाही घर पर ही संपन्न होगी, जिससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया अधिक सुलभ और परेशानी रहित हो जाएगी।

घर पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया का शुल्क

इस सेवा के तहत आवेदक घर बैठे अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं। इसके लिए 25 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। यदि कोई आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार समय चुनकर रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त 15 हजार रुपये का भुगतान करना होगा।

यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में इस तरह की सुविधा लागू की गई है। इससे पहले रजिस्ट्री के लिए आवेदकों को संबंधित कार्यालय में जाकर प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी। इस सुविधा को प्रभावी बनाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग ने रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन किया है।

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नोटिफिकेशन और नई सुविधा का प्रभाव

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस सुविधा को लागू करने के लिए 6 दिसंबर को अधिसूचना जारी की थी। अब यह सेवा प्रदेश भर में उपलब्ध है, जिससे आवेदकों का समय और प्रयास दोनों बचेंगे। यह पहल डिजिटल सुविधा को बढ़ावा देने और सरकारी सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने का हिस्सा है।

हक त्याग प्रक्रिया में बदलाव

हक त्याग रजिस्ट्री को भी सरल और किफायती बनाया गया है। अब परिवार के सदस्यों के पक्ष में हक त्याग विलेख की रजिस्ट्री के लिए केवल 500 रुपये का शुल्क देना होगा। इस श्रेणी में माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, भाई-बहन और पौत्र-पौत्री जैसे रिश्तेदार शामिल हैं।

यदि संपत्ति का विक्रय, विनियम, या दान परिवार के बाहर किसी अन्य व्यक्ति के पक्ष में किया जाता है, तो रजिस्ट्री शुल्क संपत्ति के बाजार मूल्य का चार प्रतिशत होगा। इस बदलाव का उद्देश्य पारिवारिक संपत्ति हस्तांतरण को अधिक किफायती और आसान बनाना है।

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