पेंशनभोगियों के लिए साल 2025 महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। 1 जनवरी 2025 से पेंशन नियमों में बड़े बदलाव लागू होने वाले हैं, जो न केवल पेंशनभोगियों के वित्तीय जीवन को स्थिरता देंगे बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे।
इसमें EPS-95 पेंशनधारकों के लिए सुधार, पेंशन बढ़ोतरी की योजनाएं और अंतिम बेसिक वेतन का 70% पेंशन की बहाली जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। यह बदलाव पेंशनभोगियों के अधिकारों को मजबूती प्रदान करने और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
पेंशन, एक संवैधानिक अधिकार
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने एक ऐतिहासिक फैसले में स्पष्ट किया है कि पेंशन एक संवैधानिक अधिकार है, जिसे किसी सरकार की इच्छा पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यह अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है और वित्तीय कारणों का हवाला देकर इसे रोका नहीं जा सकता।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पेंशनभोगियों को लाइफ सर्टिफिकेट जमा न करने के कारण उनकी पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए निर्देश दिया गया है कि बैंक अधिकारी खुद पेंशनभोगियों के घर जाकर सत्यापन करेंगे और लाइफ सर्टिफिकेट जमा करेंगे। यह फैसला विशेष रूप से उन वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बैंक जाने में असमर्थ होते हैं।
EPS-95 पेंशनधारकों के लिए राहत
EPS-95 पेंशनधारकों के लिए यह नया साल खास होगा। 1 जनवरी 2025 से EPS-95 पेंशनधारक किसी भी बैंक शाखा से पेंशन निकाल सकेंगे। इसके लिए मौजूदा पेंशन सिस्टम को अपडेट कर CPPS सिस्टम में बदल दिया गया है। अब, यह सुविधा पेंशनभोगियों को उनकी पसंद के किसी भी बैंक से पेंशन प्राप्त करने की स्वतंत्रता देगी।
साथ ही, केंद्र सरकार ने सभी नियोक्ताओं को निर्देश दिया है कि वे हायर पेंशन के आवेदनों को 31 जनवरी 2025 तक सिस्टम में अपडेट करें। यह सुनिश्चित करेगा कि पात्र पेंशनधारकों को समय पर उनके हायर पेंशन का भुगतान किया जा सके। इस बदलाव के साथ पेंशन प्रणाली और अधिक पारदर्शी और पेंशनभोगियों के लिए सुलभ होगी।
अंतिम बेसिक वेतन का 70% पेंशन
भारत पेंशनभोगी समाज ने एक बार फिर से सरकार के सामने अपनी मांग रखी है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशनभोगियों को उनकी अंतिम बेसिक वेतन का 70% पेंशन मिलनी चाहिए। फिलहाल, उन्हें केवल 50% पेंशन मिलती है, जो रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले पेंशनभोगियों को 70% पेंशन मिलती थी, जिसे इंदिरा गांधी की सरकार ने घटाकर 50% कर दिया था। अब समय आ गया है कि इस नीति में सुधार किया जाए और पेंशनभोगियों को उनके अधिकार का पूरा लाभ दिया जाए।
उम्र के अनुसार पेंशन बढ़ोतरी
पेंशनभोगियों के लिए एक और बड़ा प्रस्ताव चर्चा में है। भारत पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उम्र के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी की सीमा को कम किया जाए।
वर्तमान में, यह लाभ 80 साल की उम्र के बाद मिलता है, जिसमें पेंशन में 20% की वृद्धि की जाती है। समाज का प्रस्ताव है कि यह लाभ 65 साल की उम्र से ही लागू होना चाहिए।
- 65 साल पर पेंशन में 5% बढ़ोतरी
- 70 साल पर 10% बढ़ोतरी
- 75 साल पर 15% बढ़ोतरी
यह कदम पेंशनभोगियों के जीवन में नई ऊर्जा और सुरक्षा लेकर आएगा। पेंशनभोगी समाज का मानना है कि अगर यह नीति लागू होती है, तो वृद्ध पेंशनभोगियों को न केवल वित्तीय मदद मिलेगी, बल्कि उनके जीने की इच्छा भी बढ़ेगी।
नए नियमों से पेंशनभोगियों को क्या फायदा होगा?
- CPPS सिस्टम के तहत पेंशनभोगी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे।
- सिस्टम में सुधार से हायर पेंशन का लाभ तेजी से मिलेगा।
- उम्र के अनुसार पेंशन बढ़ोतरी से पेंशनभोगियों के वित्तीय बोझ में कमी आएगी।
- बैंक द्वारा घर पर सत्यापन करने से पेंशनभोगियों को सहूलियत होगी.
सब बकवास है।
कुछ भी बढोतरी नहीं होने वाली है।
ढपोल शंख की कहानी जैसा है।
अब ज्यादा लिखने से कोई लाभ नहीं है।
अतः आगे टिप्पणी करना बन्द करते हैं।