भारत सरकार की ओर से हेल्थ केयर सिस्टम को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब बैंक खाते की तरह हर नागरिक के पास अपना हेल्थ अकाउंट भी होगा, जहां आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री स्टोर की जाएगी। यह सुविधा आयुष्मान भारत योजना के तहत आभा कार्ड (Ayushman Bharat Health Account – ABHA) के माध्यम से दी जा रही है।
क्या है आभा कार्ड?
आभा कार्ड एक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड है, जो आपकी स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियों को स्टोर करने में मदद करेगा। यह कार्ड 14 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है, जिसे हर नागरिक प्राप्त कर सकता है। इसका उपयोग हेल्थकेयर सिस्टम में मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री को सुरक्षित और आसानी से एक्सेस करने के लिए किया जाता है।
कैसे काम करेगा आभा कार्ड?
आभा कार्ड में एक क्यूआर कोड होता है, जिसे स्कैन करने पर डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री देख सकता है। इसके लिए मरीज को आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता होगी, जो केवल आभा कार्ड होल्डर के पास रहेगा। इस सुविधा से डॉक्टर को बिना किसी अतिरिक्त कागजी कार्रवाई के मरीज की मेडिकल जानकारी तुरंत मिल जाएगी।
आयुष्मान कार्ड और आभा कार्ड में क्या अंतर है?
आभा कार्ड और आयुष्मान कार्ड में सबसे बड़ा अंतर यह है कि आभा कार्ड सिर्फ आपकी मेडिकल जानकारी को स्टोर करता है, जबकि आयुष्मान कार्ड के जरिए आपको पांच लाख रुपये तक का फ्री कैशलेस इलाज मिलता है। आभा कार्ड के लिए कोई पात्रता नहीं होती है, जबकि आयुष्मान कार्ड केवल उन लोगों को मिलता है जो सरकार द्वारा तय की गई पात्रताओं को पूरा करते हैं।
आभा कार्ड कैसे बनाएं?
आभा कार्ड बनवाने के लिए आपको किसी भी विशेष पात्रता की जरूरत नहीं है। भारत का हर नागरिक इसे बनवा सकता है। इसके लिए आप नजदीकी हेल्थ सेंटर या सरकारी अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं या आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
आभा कार्ड का उद्देश्य भारत के हेल्थ सिस्टम को डिजिटल बनाना और नागरिकों की मेडिकल जानकारी को सुरक्षित तरीके से स्टोर करना है। हालांकि, यह आयुष्मान कार्ड की तरह फ्री इलाज की सुविधा प्रदान नहीं करता, लेकिन इसका उपयोग मेडिकल रिकॉर्ड रखने और डॉक्टरों के साथ आसान संचार के लिए किया जा सकता है। अब हर नागरिक आसानी से अपना हेल्थ अकाउंट बना सकता है और अपनी स्वास्थ्य जानकारी को सुरक्षित रख सकता है।