सरकारी योजना: प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना छोटे और सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में पेंशन देने के लिए शुरू की गई है। अब तक इस योजना में 23 लाख 38 हजार से ज्यादा किसान जुड़ चुके हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि 6 अगस्त तक इतने किसानों ने योजना का फायदा उठाने के लिए पंजीकरण कराया है। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिससे उनकी वृद्धावस्था में मदद हो सके।
बिहार सबसे आगे
नामांकन के मामले में बिहार सबसे अग्रणी है, जहां 3.4 लाख से अधिक किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है। झारखंड दूसरे स्थान पर है, जहां 2.5 लाख से ज्यादा किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में 2.5 लाख, छत्तीसगढ़ में 2 लाख और ओडिशा में 1.5 लाख से अधिक किसानों ने भी योजना में पंजीकरण किया है। योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है जिनके पास दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है और जो राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड में सूचीबद्ध हैं।
योजना की शुरुआत और लाभ
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की शुरुआत 12 सितंबर 2019 को की गई थी। यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना के रूप में कार्य करती है, जिसके तहत 60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। इस योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह तक का योगदान करना होता है, जिसके साथ केंद्र सरकार भी अपनी ओर से योगदान करती है।
इस योजना के तहत पारिवारिक पेंशन का प्रावधान भी है, जिससे केवल पति और पत्नी को लाभ मिलता है। योजना का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे वे वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।