आज के समय में ATM का इस्तेमाल हर व्यक्ति करता है, लेकिन कई बार छोटी-छोटी गलतियां भारी नुकसान का कारण बन जाती हैं। साइबर क्राइम और एटीएम धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे सावधानी बरतना जरूरी हो गया है। ATM में कार्ड क्लोनिंग और डाटा चोरी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे हजारों लोग आर्थिक नुकसान झेल चुके हैं।
कैसे होता है एटीएम फ्रॉड?
हैकर्स ATM मशीन के कार्ड स्लॉट में स्किमिंग डिवाइस लगाते हैं, जिससे आपके कार्ड की जानकारी चोरी हो सकती है। यह उपकरण आपके कार्ड की डिटेल्स को स्कैन कर हैकर्स तक पहुंचाता है। इसके अलावा, पिन नंबर को ट्रैक करने के लिए एटीएम पर गुप्त कैमरे लगाए जा सकते हैं।
ATM फ्रॉड से बचने के उपाय
- पिन नंबर छिपाकर डालें: पिन नंबर दर्ज करते समय अपने दूसरे हाथ से कीपैड को ढकें ताकि कैमरे में पिन रिकॉर्ड न हो सके।
- कार्ड स्लॉट की जांच करें: एटीएम कार्ड स्लॉट में कोई छेड़छाड़ या ढीलापन न हो। हरी लाइट जलती हो तो मशीन सुरक्षित मानी जाती है।
- एटीएम कैमरे पर नजर रखें: एटीएम में गुप्त कैमरे होने की संभावना पर ध्यान दें। मशीन के आसपास असामान्य उपकरणों की जांच करें।
- किसी दूसरे से पैसे न निकलवाएं: अगर आपको ATM से पैसे निकालने नहीं आते हैं तो ATM के अंदर किसी अनजान व्यक्ति को अपना कार्ड पैसे निकलवाने के लिए न दें।
क्या करें अगर आप एटीएम धोखाधड़ी का शिकार हो जाएं?
धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत पुलिस को दें। जितनी जल्दी आप पुलिस को जानकारी देंगे, उतनी जल्दी हैकर्स तक पहुंचने में मदद मिलेगी। ATM का उपयोग करते समय इन सावधानियों का पालन करके आप अपने पैसे और जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।