राजस्थान सरकार ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के विमुक्त, घुमंतू और अर्धघुमंतू समुदायों के 34,000 परिवारों को मुफ्त में जमीन देने का निर्णय लिया है। इस जमीन पर ये परिवार अपना घर बना सकेंगे। यह योजना इन समुदायों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
क्या है योजना का उद्देश्य?
राजस्थान सरकार का यह फैसला इन समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने और मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से लिया गया है। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि इस योजना का लक्ष्य उन परिवारों को घर बनाने का मौका देना है, जो लंबे समय से जमीन और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। इन समुदायों का देश की आजादी में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और उन्हें अब सम्मान और स्थायित्व प्रदान करने की आवश्यकता है।
कैसे मिलेगा जमीन का पट्टा?
सरकार के अनुसार, इन परिवारों को मुफ्त में जमीन का पट्टा दिया जाएगा। प्रत्येक परिवार को अधिकतम 300 वर्गमीटर की जमीन दी जाएगी। हालांकि, इस जमीन को खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं होगी, ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
किन समुदायों को मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ प्रदेश की विमुक्त, घुमंतू और अर्धघुमंतू जातियों के करीब 32 समुदायों को मिलेगा। राजस्थान की कुल आबादी का करीब 6-8 प्रतिशत हिस्सा इन समुदायों का है, जो अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित थे, क्योंकि उनके पास पहचान पत्र जैसी बुनियादी दस्तावेज नहीं थे।
योजना का महत्व
सरकार का कहना है कि यह योजना इन समुदायों के आवासीय समस्याओं को हल करेगी और उन्हें एक स्थिर जीवन प्रदान करेगी। इस योजना से इन परिवारों को अपना घर बनाने और समाज में आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।
राजस्थान सरकार का यह कदम प्रदेश के विमुक्त और घुमंतू जातियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह योजना न केवल इन समुदायों को जमीन उपलब्ध कराएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका भी देगी।