मोदी सरकार ने देश के बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है ‘एनपीएस वात्सल्य’। इस योजना के जरिए माता-पिता अपने बच्चों के लिए पैसे जमा कर सकते हैं। ये जमा किया हुआ पैसा बड़े होने पर बच्चे को मिलेगा। इस पैसे से बच्चे अपनी पढ़ाई, शादी या किसी और जरूरत के लिए पैसे खर्च कर सकेंगे। यह योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है, इसलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
कौन उठा सकता है इस स्कीम का लाभ?
NPS Vatsalya Scheme के अंतर्गत, माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर 5 से 18 वर्ष की उम्र तक पेंशन अकाउंट खोल सकेंगे। 18 वर्ष की उम्र के बाद यह अकाउंट बच्चे खुद मैनेज कर सकेंगे। इस स्कीम की खास बात यह है कि इसमें न सिर्फ भारतीय नागरिक, बल्कि गैर निवासी भारतीय (NRI) और ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) भी भाग ले सकते हैं।
खाता खोलने की प्रक्रिया
एनपीएस वात्सल्य स्कीम के तहत खाता खोलना काफी सरल है। इसे किसी भी सरकारी या प्राइवेट बैंक, और यहां तक कि पोस्ट ऑफिस में भी खोला जा सकता है। खाता खोलने के लिए बस एक फॉर्म भरना होता है और बच्चे की जन्मतिथि दर्शाते दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाणपत्र या आधार कार्ड साथ में देना होता है।
निवेश और निकासी की सुविधाएँ
इस स्कीम में निवेश करने के बाद 3 साल के बाद जमा की गई राशि का 25% तक निकाला जा सकता है। यह निकासी अधिकतम तीन बार की जा सकती है, जब तक बच्चा 18 साल का न हो जाए। इससे बच्चों की पढ़ाई या अन्य जरूरी खर्चों के लिए धन उपलब्ध हो सकता है।
सालाना 1000 रूपए निवेश करें
माता-पिता अपने बच्चों के लिए प्रतिवर्ष कम से कम 1000 रूपए इस स्कीम में जमा कर सकते हैं। यह स्कीम 18 साल तक चलती है, और इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है, जिससे निवेशक बड़ी राशि भी निवेश कर सकते हैं।
निवेश विकल्प और टैक्स लाभ
निवेशकों को विकल्प दिया जाता है कि वे अपनी जमा राशि को शेयर बाज़ार में या सरकारी सिक्योरिटी में लगा सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सकता है। इसके अलावा इस स्कीम के तहत किए गए निवेश पर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत 1.50 लाख रुपये तक का कर लाभ मिल सकता है। इस तरह से ‘एनपीएस वात्सल्य स्कीम’ न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाती है, बल्कि माता-पिता को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है। इस स्कीम के जरिए समाज के हर वर्ग के लोगों को अपने बच्चों के भविष्य को आकार देने का एक बेहतरीन मौका मिलता है।