
आजकल आपने अक्सर देखा होगा, कि कई लोग अब सस्ते दामों पर सेकेंड हैंड या पुराने स्मार्टफोन ज्यादा खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है, कि महंगे स्मार्टफोन्स के बजाय कम बजट में पुराने मोबाइल खरीदना ज्यादा बेहतर होगा, अगर आप भी कुछ ऐसे ही सेकेंड हैंड फोन खरीदने की सोच रहे है, तो उससे पहले कुछ जरूरी जानकारी जान लीजिए, पुराने स्मार्टफोन खरीदने से पहले यह कन्फर्म करे, कि वह फोन चोरी का तो नहीं है। ताकि आपको बाद में इस वजह से किसी भी कानूनी परेशानी का सामना न करना पड़ें।
सेकंड हैंड मोबाइल खरीदते समय क्या सावधानी बरतें?
भारत में सेकंड हैंड फोन का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। लोग कम कीमत में अच्छे स्मार्टफोन्स का सपना देखते हैं, और यही कारण है, कि पुरानी या रिफर्बिश्ड डिवाइसेज की डिमांड में भी अधिक बढ़ रही है। ऐसे में फोन की हालत लगभग नई जैसी होती है, और ये सस्ते दामों में मिल जाते हैं। हालांकि, इन फोनों की रियल कंडीशन को लेकर अक्सर संदेह रहता है, खासकर जब हम इन फोनों को लोकल मार्केट या छोटे दुकानदारों से खरीदते हैं। कई बार लोग अनजाने में चोरी का मोबाइल भी खरीद लेते हैं, जिससे न सिर्फ आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कानूनी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
चोरी हुआ फोन कैसे पहचाने?
यदि आप सेकंड हैंड या पुराना मोबाइल खरीदने जा रहे हैं, तो सबसे पहले यह जरूरी है, कि आप फोन का IMEI नंबर चेक करें। IMEI (International Mobile Equipment Identity) नंबर हर मोबाइल फोन का अद्वितीय पहचान नंबर होता है। यह नंबर फोन के बॉक्स पर लिखा होता है, या अगर बॉक्स उपलब्ध नहीं है, तो आप फोन के डायलर में *#06# टाइप करके IMEI नंबर प्राप्त कर सकते हैं। यह नंबर 15 अंकों का होता है। एक बार जब आपको यह नंबर मिल जाए, तो इसे कहीं नोट कर लें और फिर इसे जांचने के लिए एक आसान तरीका अपनाएं।
IMEI नंबर के माध्यम से फोन की स्थिति कैसे चेक करें?
अब IMEI नंबर प्राप्त करने के बाद, आपको अपने मोबाइल के मैसेज ऐप को खोलना होगा। नया मैसेज बनाने के बाद, उसमें लिखें: KYM IMEI नंबर और इसे 14422 नंबर पर भेज दें। कुछ ही मिनटों में आपको एक SMS के माध्यम से जानकारी प्राप्त होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि फोन ब्लैकलिस्टेड है, या नहीं। यदि SMS में “blacklisted” लिखा आता है, तो इसका मतलब है, कि फोन चोरी या गुमशुदा घोषित किया गया है। ऐसे फोन को खरीदने से बचें, क्योंकि यह कानूनी समस्याओं का कारण बन सकता है।
सेकंड हैंड फोन खरीदने के बाद कानूनी समस्याएं
किसी भी चोरी हुए फोन का इस्तेमाल करना एक गंभीर कानूनी अपराध हो सकता है। अगर आप अनजाने में चोरी हुआ मोबाइल फोन खरीद लेते हैं,और इसका इस्तेमाल करते हैं, तो आप कानूनी समस्याओं में फंस सकते हैं। पुलिस भी ऐसे मामलों में कार्रवाई कर सकती है, और आपको बिना किसी गलती के कानूनी पचड़ों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है, क्योंकि चोरी हुए फोन को कानूनी रूप से रिटर्न करना या बदलवाना मुश्किल हो सकता है।
ऑनलाइन मार्केट में सेकंड हैंड फोन की स्थिति
अगर आप ऑनलाइन मार्केट जैसे कि Amazon, Flipkart, आदि से सेकंड हैंड या रिफर्बिश्ड फोन खरीदने का सोच रहे हैं, तो वहां आपको यह पता चलता है, कि अधिकतर फोन्स अच्छी तरह से चेक किए जाते हैं। और इन्हें रिपेयर करने के बाद फिर से बेचा जाता है। हालांकि, इन फोनों के बारे में भी पूरी जानकारी कन्फर्म करना जरूरी है। इन फोनों में कई बार डेमो मॉडल या कंपनी द्वारा टेस्ट किए गए यूनिट्स होते हैं, जिन्हें रिपेयर या सर्विस के बाद फिर से बेचा जाता है। लेकिन अगर आप लोकल मार्केट या किसी छोटे दुकानदार से फोन खरीद रहे हैं, तो आपको और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे दुकानदार कई बार चोरी के फोन भी बेच सकते हैं, जो आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकते हैं।
कैसे करें एक सुरक्षित खरीदारी?
अगर आप सेकंड हैंड फोन खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले सुनिश्चित करें कि फोन का IMEI नंबर चेक करें। इसके बाद, IMEI नंबर की स्थिति की जांच करें, ताकि यह कन्फर्म हो, सके कि वह फोन ब्लैकलिस्टेड नहीं है। इसके अलावा, फोन की डिटेल्स, उसके बॉक्स, और अन्य जरूरी डॉक्युमेंट्स भी चेक करें। अगर फोन अच्छे कंडीशन में है, और किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखाई देती, तो आप उसे खरीदने का विचार कर सकते हैं। लेकिन हमेशा यह ध्यान रखें कि कोई भी फोन जो चोरी का हो, कानूनी रूप से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और इसके लिए आपको भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।