
छत्तीसगढ़ राज्य में रहने वाले लोगो की जानकारी के लिए बता दे कि 24 जुलाई 2025 को राज्य में विशेष छुट्टी की घोषणा की गई है, इस छुट्टी का मुख्य कारण हरेली तिहार (Hareli Tihar) है। यह एक महत्वपूर्ण पौराणिक पर्व है, जो किसानो द्वारा कृषि यंत्रों की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। इसलिए राज्य सरकार ने इस दिन पर सार्वजनिक अवकाश रखने का फैसला लिया है, हरेली तिहार को ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब शहरों में भी लोग इसे पारंपरिक तरीके से मनाते हैं।
बच्चों के लिए खुशियाँ और छुट्टी का अवसर
इस दिन का महत्व राज्य की कृषि परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। हरेली तिहार का आयोजन मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और अन्य भारतीय राज्यों के कुछ हिस्सों में होता है। इस दिन किसान अपने कृषि यंत्रों को साफ करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और भविष्य में अच्छी फसल की कामना करते हैं। यह दिन कृषि जीवन के महत्व को दर्शाता है ,और किसानों की मेहनत को सम्मानित करता है।
यह छुट्टी बच्चों के लिए खास है, क्योंकि स्कूलों में बंदी के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई से कुछ समय के लिए राहत मिलती है। बच्चों के लिए यह समय परिवार के साथ बिताने और बाहर खेलने के लिए आदर्श होता है। हरेली तिहार के दिन, छत्तीसगढ़ में केवल स्कूलों ही नहीं, बल्कि सरकारी दफ्तरों और अन्य सरकारी संस्थाओं में भी अवकाश रहेगा। यह दिन परिवारों को एकजुट होने का और पौराणिक तरीकों से तिहार मनाने का अवसर प्रदान करता है।
जुलाई में अन्य महत्वपूर्ण छुट्टियाँ
जुलाई का महीना छत्तीसगढ़ में आम तौर पर काफी सक्रिय रहता है, और कई छुट्टियाँ इस महीने में होती हैं। हाल ही में, जुलाई महीने की शुरुआत में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) और मुहर्रम (Muharram) पर भी छुट्टियां घोषित की गई थीं। इन छुट्टियों के दौरान स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं या पूरी तरह से अवकाश होता है।
रेनी डे और उसके प्रभाव
हरेली तिहार के दिन सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी घोषित होने से बच्चों को इस विशेष अवसर का फायदा मिलता है। यह पर्व सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए एक खुशी का अवसर है। स्कूलों में छुट्टी के दौरान बच्चे अपने दोस्तों और परिवार के साथ मस्ती करने के साथ-साथ कृषि के महत्व को भी समझ सकते हैं, जो इस दिन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
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जुलाई के महीने में छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का मौसम रहता है, और यदि मौसम ज्यादा खराब होता है। या बिजली गिरने की चेतावनी जारी होती है, तो जिला प्रशासन द्वारा “रेनी डे” (Rainy Day) घोषित किया जा सकता है। इस दौरान स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया जाता है, खासकर बस्तर, सरगुजा, और कोरिया जैसे इलाकों में। इस प्रकार के निर्णय बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं। ऐसे निर्णय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
हरेली तिहार के दिन छुट्टी का लाभ
रेनी डे की छुट्टियां आमतौर पर तब होती हैं, जब मौसम की स्थिति गंभीर हो, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ऐसे मामलों में स्कूलों में अचानक छुट्टी दी जाती है, और यह निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाता है।
आखिरकार, 24 जुलाई को हरेली तिहार के अवसर पर स्कूलों की छुट्टी होने से बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने को मिलेगी। यह अवसर परिवारों के लिए एक साथ समय बिताने और पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को मनाने का होगा। बच्चों को यह छुट्टियां हर साल का इंतजार होता है, क्योंकि वे इस समय का उपयोग न केवल खेलकूद और मनोरंजन में बल्कि पारंपरिक तिहार मनाने में भी कर सकते हैं।