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आयुष्मान योजना में बड़ा बदलाव, अब माता-पिता के कार्ड पर इतने साल तक के बच्चों को ही मिलेगा इलाज

आयुष्मान योजना में अब माता-पिता के कार्ड पर सिर्फ छह माह तक के बच्चों को ही मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। छह माह से ऊपर के बच्चों का अलग आयुष्मान कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। यह बदलाव योजना की पारदर्शिता और लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। अब तक राज्य में 59 लाख से अधिक लोगों को योजना का लाभ मिल चुका है।

By PMS News
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आयुष्मान योजना में बड़ा बदलाव, अब माता-पिता के कार्ड पर इतने साल तक के बच्चों को ही मिलेगा इलाज
Ayushman Yojana

आयुष्मान योजना-Ayushman Yojana को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब माता-पिता के कार्ड पर सिर्फ छह माह तक के बच्चों को ही सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। पहले यह सुविधा पांच वर्ष तक के बच्चों को प्राप्त थी, पर अब इस उम्र सीमा को घटाकर छह माह कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण-National Health Authority द्वारा लिए गए नए नियमों के अनुसार लागू किया गया है, जिसे राज्य स्तर पर भी अपना लिया गया है।

Ayushman Bharat योजना की शुरुआत और विस्तार

वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने गरीब और वंचित वर्गों के लिए आयुष्मान भारत योजना-Ayushman Bharat Yojana की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य देश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराना है। शुरुआत में इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5.37 लाख परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई थी। बाद में प्रदेश सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर इसे यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के रूप में लागू किया, जिससे अब कुल 23 लाख परिवार लाभांवित हो रहे हैं। प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।

बच्चों के लिए आयु सीमा में बदलाव और नई पात्रता

अब तक माता-पिता के आयुष्मान कार्ड पर पांच वर्ष तक के बच्चों को इलाज की सुविधा मिलती थी। इलाज के समय बच्चे का नाम, जन्मतिथि, माता-पिता से संबंध साबित करने वाले दस्तावेज, और किसी एक अभिभावक का आधार प्रमाणीकरण-Aadhaar Authentication अनिवार्य होता था। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है।

नए नियमों के तहत केवल छह माह तक के नवजात ही माता-पिता के कार्ड से उपचार के पात्र होंगे। इसके बाद के बच्चों (छह माह से पांच वर्ष तक) के लिए स्वतंत्र आयुष्मान कार्ड बनवाना जरूरी कर दिया गया है। यदि इस उम्र के बच्चे का आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो उसके किसी अभिभावक का आधार प्रमाणीकरण भी मान्य होगा।

आधार प्रमाणीकरण और इलाज की प्रक्रिया

पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए आयुष्मान कार्ड के साथ-साथ आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक वीएस टोलिया के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निर्देशों पर लिया गया है और अब प्रदेश में इसी के अनुरूप अप्रूवल दिया जा रहा है। इस बदलाव का उद्देश्य योजना के लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित करना और योजनागत पारदर्शिता को बढ़ाना है।

वर्तमान में आयुष्मान योजना की स्थिति

उत्तराखंड राज्य में अब तक 59,88,295 लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इन कार्डधारकों में से 15,54,174 मरीजों को योजना के तहत विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं मिल चुकी हैं। इसके अंतर्गत 2985 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का व्यय स्वास्थ्य सेवाओं पर हो चुका है, जो योजना की सफलता और इसके व्यापक प्रभाव को दर्शाता है।

प्र. क्या अब पांच वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा?

उत्तर: अब सिर्फ छह माह तक के बच्चों को माता-पिता के आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज मिलेगा। छह माह से अधिक आयु के बच्चों के लिए अलग कार्ड बनवाना अनिवार्य है।

प्र. छह माह से अधिक के बच्चों का इलाज कैसे होगा यदि आधार कार्ड नहीं है?

उत्तर: यदि आधार कार्ड नहीं है, तो अभिभावक के आधार प्रमाणीकरण के आधार पर कार्ड बनाया जा सकता है।

प्र. आयुष्मान कार्ड कैसे बनवाएं?

उत्तर: नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC), अस्पताल या आयुष्मान हेल्प डेस्क पर जाकर आधार और राशन कार्ड के साथ आवेदन कर सकते हैं।

प्र. योजना में नया कार्ड बनवाने में कितना समय लगता है?

उत्तर: सामान्यतः दस्तावेज सही होने पर कार्ड 1-2 कार्य दिवस में बन जाता है।

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