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Heavy Rain Alert! 23 मई तक इन राज्यों में चलेगी 70 किमी की रफ्तार से तूफान और बारिश

भारत में मौसम ले रहा है खतरनाक मोड़! IMD की चेतावनी के अनुसार कई राज्यों में 70 किमी/घंटा की रफ्तार से तूफ़ान और मूसलधार बारिश का कहर टूटने वाला है। जानिए किन राज्यों में रहेगा सबसे ज़्यादा खतरा और क्या करें सुरक्षित रहने के लिए।

By PMS News
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Heavy Rain Alert की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए भारतीय मौसम विभाग-IMD ने कई राज्यों में 23 मई 2025 तक तेज़ तूफान, बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई है। इस चेतावनी में बताया गया है कि कुछ क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है, जो जनजीवन को प्रभावित करने में सक्षम है। खासकर पूर्वोत्तर, दक्षिण और तटीय राज्यों में यह असर और भी गहरा होने वाला है।

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पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार बारिश और तूफान का खतरा

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों जैसे असम, मेघालय, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में लगातार गरज-चमक के साथ बारिश का दौर चलने की संभावना जताई गई है। 16 से 21 मई तक यहां मौसम का मिजाज बेहद खराब रहने वाला है। कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की भी आशंका है, जो न केवल स्थानीय जीवन को प्रभावित कर सकती है बल्कि किसानों की फसलें भी नुकसान में आ सकती हैं।

दक्षिण भारत के कई हिस्से रहेंगे प्रभावित

दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य भी इस मौसम प्रणाली की चपेट में आ रहे हैं। यहां 16 से 22 मई तक गरज-चमक के साथ बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका है। कुछ क्षेत्रों में हवा की गति 60-70 किमी/घंटा तक हो सकती है, जिससे पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और सड़क परिवहन पर असर पड़ने की संभावना है।

पूर्वी और मध्य भारत में सक्रिय रहेगा सिस्टम

पूर्वी भारत की बात करें तो बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ भी इस मौसम प्रणाली से प्रभावित रहेंगे। 16 से 20 मई के बीच यहां गरज-चमक के साथ बारिश का सिलसिला बना रहेगा। ओडिशा में संभावित निम्न दबाव क्षेत्र का असर दिख सकता है, जिससे आगे चलकर चक्रवात शक्ति बनने की संभावना जताई जा रही है।

महाराष्ट्र और कोंकण में भारी बारिश की चेतावनी

महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण क्षेत्र में 21 और 22 मई को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसके पीछे अरब सागर में सक्रिय हो रही नई प्रणाली को जिम्मेदार माना जा रहा है। मुंबई, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग जैसे इलाकों में पानी भराव की आशंका के साथ ट्रैफिक और लोकल ट्रेनों पर भी असर पड़ सकता है।

उत्तर भारत में हल्की बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

उत्तर भारत में हालांकि बारिश कम होगी लेकिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। 16 से 21 मई के बीच इन राज्यों के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट आएगी।

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चक्रवात शक्ति बना सकता है बड़ा खतरा

इस पूरे सिस्टम के केंद्र में अंडमान सागर में बन रहा एक सर्कुलेशन है, जो आगे चलकर चक्रवात शक्ति में बदल सकता है। IMD की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चक्रवात 23 से 28 मई के बीच सक्रिय हो सकता है और इससे जुड़ी भारी वर्षा और तेज़ हवाएं ओडिशा, बंगाल और बांग्लादेश के कई इलाकों में तबाही मचा सकती हैं।

यातायात, फसल और जीवन पर पड़ेगा सीधा असर

इस मौसम प्रणाली का असर केवल खेतों और सड़कों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह हवाई उड़ानों, जल परिवहन और पावर ग्रिड्स पर भी असर डाल सकता है। जो यात्री इस दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की ताज़ा अपडेट्स पर नज़र रखें।

किसानों और नागरिकों के लिए अहम सलाह

किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल को बचाने के लिए जरूरी उपाय करें, जैसे कि खेतों में जल निकासी का ध्यान रखें और बिजली गिरने के जोखिम से बचने के लिए खेतों में अकेले न जाएं। बड़ौत, उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में मौसम अपेक्षाकृत शुष्क रहेगा लेकिन 21 मई को हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।

तूफानी हवाओं को लेकर गंभीर चेतावनी

मौसम विभाग की इस चेतावनी को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है, क्योंकि इस बार हवाओं की गति 70 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। इससे पेड़ गिरना, बिजली गुल होना, और सड़क यातायात पर असर पड़ना तय है। जो लोग तटीय क्षेत्रों या पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

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