
ई-पासपोर्ट (E-Passport) की शुरुआत भारत सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया और नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है। यह एक अत्याधुनिक पासपोर्ट है, जिसमें आपकी व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक जानकारी एक माइक्रोचिप में सुरक्षित रहती है। पारंपरिक पासपोर्ट की तरह दिखने वाला यह पासपोर्ट तकनीकी दृष्टि से कहीं अधिक उन्नत है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को सुरक्षित, तेज़ और अधिक प्रभावी बनाना है।
ई-पासपोर्ट की माइक्रोचिप में नागरिक की फोटो, फिंगरप्रिंट और अन्य बायोमेट्रिक डिटेल्स सेव होती हैं। यह जानकारी High-Level Encryption तकनीक से संरक्षित रहती है, जिसे सिर्फ अधिकृत सरकारी स्कैनर ही पढ़ सकते हैं। इस तकनीक से छेड़छाड़ या फर्जीवाड़ा लगभग असंभव हो जाता है, जिससे ट्रैवल डॉक्यूमेंट की सुरक्षा में बड़ा सुधार आता है।
E-Passport क्या होता है?
ई-पासपोर्ट (E-Passport) एक आधुनिक और डिजिटल पासपोर्ट होता है, जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप लगी होती है। यह माइक्रोचिप पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत (Personal) और बायोमेट्रिक (Biometric) जानकारी को डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखती है। यह पासपोर्ट दिखने में सामान्य पासपोर्ट की तरह ही होता है, लेकिन इसके अंदर लगी चिप इसे कहीं अधिक सुरक्षित, तेज़ और तकनीकी रूप से उन्नत बनाती है।
इस चिप में पासपोर्ट धारक की निम्नलिखित जानकारी होती है:
- नाम, जन्म तिथि, पता, लिंग आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी
- पासपोर्ट नंबर, इश्यू और एक्सपायरी डेट
- पासपोर्ट धारक की फोटो
- फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जैसी बायोमेट्रिक जानकारी
ये सारी जानकारी एन्क्रिप्टेड (Encrypted) होती है, जिसे सिर्फ अधिकृत सरकारी स्कैनर ही पढ़ सकते हैं। इससे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।
देश में कहां शुरू हुई ई-पासपोर्ट सेवा
ई-पासपोर्ट सेवा की शुरुआत भारत के कुछ प्रमुख शहरों में हो चुकी है। इनमें दिल्ली, नागपुर, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, रांची, शिमला, भुवनेश्वर, जम्मू और गोवा जैसे शहर शामिल हैं। भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के मध्य तक ई-पासपोर्ट सेवा पूरे देश में उपलब्ध हो जाए, ताकि हर नागरिक इसका लाभ उठा सके।
क्या नॉर्मल पासपोर्ट अभी भी मान्य हैं?
जिन नागरिकों के पास पहले से पारंपरिक पासपोर्ट हैं, वे उसकी वैधता समाप्त होने तक उसे प्रयोग कर सकते हैं। जब पासपोर्ट की रिन्युअल (Renewal) या री-इश्यू (Reissue) की आवश्यकता होगी, तो उन्हें ई-पासपोर्ट ही दिया जाएगा। यानी जैसे-जैसे पुराने पासपोर्ट एक्सपायर होंगे, वैसे-वैसे देश में ई-पासपोर्ट की संख्या बढ़ती जाएगी।
ऐसे बनवाएं अपना ई-पासपोर्ट
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और इसे आप घर बैठे शुरू कर सकते हैं। नीचे स्टेप-बाय-स्टेप पॉइंट्स में बताया गया है कि आप कैसे ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं:
- सबसे पहले passportindia.gov.in वेबसाइट पर जाएं और खुद को रजिस्टर करें।

- रजिस्ट्रेशन के बाद अपने अकाउंट में लॉगिन करें और ‘Apply for Fresh Passport’ या ‘Reissue of Passport’ विकल्प चुनें।
- मांगी गई सभी जरूरी जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, पता, आपातकालीन संपर्क, आदि ध्यानपूर्वक भरें।
- आवेदन के बाद ऑनलाइन भुगतान करें। शुल्क आपके आवेदन के प्रकार और सेवा स्तर (Normal/Tatkal) पर निर्भर करता है।
- निकटतम पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) या क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (RPO) में अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें।
- अपॉइंटमेंट के दिन अपने सभी आवश्यक दस्तावेज़ — जैसे आधार कार्ड, पते का प्रमाण, जन्मतिथि प्रमाण आदि — साथ लेकर जाएं।
- पासपोर्ट सेवा केंद्र में आपकी फोटो, फिंगरप्रिंट और हस्ताक्षर लिए जाएंगे। यह सभी डिटेल्स ई-पासपोर्ट की चिप में सेव की जाती हैं।
- आवेदन की जांच के बाद पुलिस वेरिफिकेशन किया जा सकता है, खासकर यदि आपने एड्रेस बदला हो या नया पासपोर्ट बनवा रहे हों।
- पासपोर्ट प्रिंट होने के बाद स्पीड पोस्ट के माध्यम से आपके पते पर भेज दिया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया सामान्यतः 7 से 14 कार्यदिवस में पूरी हो जाती है, लेकिन यह स्थान और मांग के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है।
ई-पासपोर्ट के विशेष फायदे
ई-पासपोर्ट में लगी चिप को डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता, जिससे फर्जी पासपोर्ट बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन प्रक्रिया बेहद तेज़ हो जाती है, क्योंकि माइक्रोचिप से यात्री की जानकारी कुछ ही सेकंड में स्कैन हो जाती है। इस नई प्रणाली में आपकी निजी जानकारी Public Key Infrastructure (PKI) तकनीक के माध्यम से इस तरह सुरक्षित रहती है कि उसे बिना अधिकृत अनुमति कोई भी एक्सेस या एडिट नहीं कर सकता।