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Income Tax Alert: टैक्स का ये नियम नहीं माना तो न सिर्फ जुर्माना, बल्कि हो जाएगी जेल

आईटीआर फाइल करना केवल एक कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपके वित्तीय जीवन का आधार है। इससे न केवल टैक्स रिफंड और लॉस कैरी फॉरवर्ड की सुविधा मिलती है, बल्कि भविष्य के लोन, वीज़ा और अन्य वित्तीय योजनाओं के लिए आपकी स्थिति भी मजबूत होती है। समय पर फाइलिंग से आप कई परेशानियों से बच सकते हैं।

By PMS News
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Income Tax Alert: टैक्स का ये नियम नहीं माना तो न सिर्फ जुर्माना, बल्कि हो जाएगी जेल
Income Tax Alert

Income Tax Return (ITR) फाइल न करना केवल एक गलती नहीं, बल्कि गंभीर कर अपराध बन सकता है। टैक्सपेयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) समय पर फाइल करना एक कानूनी जिम्मेदारी है, जिसे नजरअंदाज करने से ना केवल आर्थिक दंड, बल्कि आपराधिक कार्रवाई तक हो सकती है। कई बार टैक्सपेयर्स विशेषकर कम आय वाले लोग यह सोचकर आईटीआर फाइल नहीं करते कि उनकी इनकम टैक्स सीमा से नीचे है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ विशेष स्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य होता है — भले ही आपकी आय टैक्स स्लैब से नीचे क्यों न हो।

आईटीआर फाइल न करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसमें ब्याज, लेट फीस, टैक्स रिफंड में देरी, फ्यूचर कैरी फॉरवर्ड लॉसेज़ की सुविधा से वंचित होना और यहां तक कि जेल की सजा भी शामिल है। इसलिए, चाहे आपकी आय कितनी भी हो, समय पर ITR फाइल करना न केवल वित्तीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपकी ईमानदारी और वित्तीय जवाबदेही का प्रमाण भी है।

लेट ITR फाइल करने पर कितना देना होगा जुर्माना और ब्याज

अगर आप Income Tax Return की तय डेडलाइन तक फाइलिंग नहीं करते हैं, तो आपको सेक्शन 234A और 234F के तहत दंड भुगतना पड़ सकता है। धारा 234A के अनुसार, देरी से फाइलिंग करने पर बकाया राशि पर हर महीने 1% की दर से ब्याज लगेगा। यह ब्याज तब तक जारी रहेगा जब तक आप अपना ITR फाइल नहीं कर देते। वहीं, धारा 234F के अनुसार, अगर आप निर्धारित समयसीमा के बाद ITR फाइल करते हैं, तो ₹5,000 तक की लेट फीस देनी पड़ सकती है। हालांकि, अगर आपकी वार्षिक आय ₹5 लाख से कम है, तो लेट फीस केवल ₹1,000 होगी।

आईटीआर फाइल न करने पर रिफंड और लॉसेज़ में भी नुकसान

ITR फाइल न करने का एक बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपके ऊपर कोई टैक्स रिफंड बनता है, तो वह देरी से मिलेगा या प्रोसेस ही नहीं होगा। साथ ही, यदि आपने कोई लॉस इनकरे किया है — जैसे बिज़नेस लॉस या कैपिटल लॉस — तो उसे आप अगले वित्तीय वर्षों में आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। इन घाटों को आगे ले जाने के लिए आपको समय पर ITR फाइल करना अनिवार्य होता है।

आईटीआर फाइलिंग और Tax Regime का प्रभाव

अगर आप तय समयसीमा के बाद ITR फाइल करते हैं, तो आपकी फाइलिंग न्यू टैक्स रेज़ीम (New Tax Regime) के अंतर्गत प्रोसेस की जा सकती है, जो आपकी टैक्स देनदारी को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि समय रहते रिटर्न फाइल करें और अपने लिए उपयुक्त टैक्स रेज़ीम का चुनाव करें।

लोन और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर असर

Income Tax Return फाइलिंग का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह आपकी इनकम का प्रमाण होता है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं लोन, क्रेडिट कार्ड या अन्य वित्तीय उत्पाद देते समय ITR को महत्वपूर्ण दस्तावेज मानती हैं। अगर आपने ITR फाइल नहीं किया है, तो इससे आपकी क्रेडिबिलिटी पर असर पड़ सकता है और लोन अस्वीकृत हो सकता है।

जुर्माना ही नहीं, हो सकती है जेल भी

सबसे गंभीर मामला तब बनता है जब आयकर विभाग यह मान ले कि आपने जानबूझकर ITR फाइल नहीं किया या टैक्स चोरी की है। ऐसी स्थिति में आपके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। आयकर कानून के अनुसार, टैक्स चोरी के मामलों में दोषी पाए जाने पर जुर्माना तो लगेगा ही, साथ ही तीन महीने से लेकर सात साल तक की जेल भी हो सकती है।

प्रश्न: अगर मेरी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है, तो क्या मुझे ITR फाइल करना चाहिए?

उत्तर: यदि आपकी आय टैक्स स्लैब से कम है, तो ITR फाइल करना जरूरी नहीं है, लेकिन अगर आपने TDS कटवाया है, रिफंड क्लेम करना है या भविष्य में लोन लेना चाहते हैं, तो फाइल करना लाभदायक रहेगा।

प्रश्न: क्या ITR फाइल न करने पर जेल हो सकती है?

उत्तर: हां, जानबूझकर टैक्स चोरी या बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर जेल की सजा संभव है।

प्रश्न: क्या देर से ITR फाइल करने पर लॉस कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, समय सीमा के बाद फाइल किया गया ITR लॉस कैरी फॉरवर्ड के लिए मान्य नहीं होता।

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