
भारत में लोग अक्सर एक-दूसरे से पैसे उधार लेते-देते हैं, यह आम बात है। लेकिन अगर कोई उधार लेने के बाद पैसे वापस नहीं करता, तो यह सिर्फ पैसों का नुकसान नहीं होता, बल्कि टेंशन भी होती है। कई बार हम दोस्ती या रिश्तेदारी में बिना सोचे-समझे किसी को पैसे दे देते हैं। लेकिन जब बार-बार कहने पर भी वह उधार वापस नहीं करता, तो हम सोचते हैं कि अब क्या करना चाहिए।
वकील की सलाह लेना क्यों जरूरी है
जब Borrower पैसे लौटाने से साफ मना कर दे या लगातार टाल-मटोल करता रहे, तो सबसे पहले किसी अनुभवी वकील की सलाह लेना समझदारी होती है। वकील आपको यह समझाएगा कि आपके पास कौन-कौन से कानूनी विकल्प उपलब्ध हैं। वकील की मदद से आप एक लीगल नोटिस भेज सकते हैं, जिसमें तय समयसीमा में पैसा लौटाने की मांग की जाती है। इस नोटिस का कानूनी महत्व होता है और इससे सामने वाला व्यक्ति गंभीरता से कदम उठा सकता है।
कानूनी कार्रवाई और प्रमाण जुटाना
यदि लीगल नोटिस का कोई असर न हो, तो अगला कदम अदालत में कानूनी कार्रवाई करना होता है। इसके लिए जरूरी है कि आपके पास ठोस सबूत हों – जैसे व्हाट्सऐप मैसेज, कॉल रिकॉर्डिंग, बैंक ट्रांजैक्शन की रसीदें, या कोई लिखित एग्रीमेंट। अदालत में यह साबित करना होगा कि सामने वाले व्यक्ति ने आपसे उधार लिया और तय समय में रकम वापस नहीं की। अगर मामला आपके पक्ष में जाता है, तो कोर्ट आदेश देता है कि वह व्यक्ति रकम वापस करे।
‘सिविल केस’ और समरी रिकवरी सूट
अगर लीगल नोटिस के बाद भी Borrower टस से मस नहीं होता, तब आपको सिविल कोर्ट में समरी रिकवरी सूट फाइल करना चाहिए। यह एक प्रभावी कानूनी तरीका है जिससे आप कोर्ट की मदद से अपनी रकम वसूल सकते हैं। इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, लेकिन यह आपके पैसे वापस पाने का वैधानिक और ठोस उपाय है। वकील की सहायता से केस तैयार करें और उसे सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ कोर्ट में पेश करें।
भविष्य में उधार देने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
उधार देने से पहले कुछ एहतियाती उपाय आपको भविष्य की परेशानी से बचा सकते हैं। सबसे पहले, उतना ही पैसा उधार दें, जितना आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं। दूसरा, हमेशा एक लिखित समझौता करें जिसमें रकम, वापसी की तारीख और शर्तें स्पष्ट रूप से दर्ज हों। तीसरा, किसी भी अजनबी को बिना पृष्ठभूमि जांचे उधार न दें। इन बातों का पालन करने से आपको उधार देने के बाद पछताना नहीं पड़ेगा।