
NIOS 2025-26: अगर आप दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल में पढ़ते थे और कक्षा 9वीं या 10वीं में फेल या कंपार्टमेंट आ गया है, तो अब आपके पास फिर से पढ़ाई करने का शानदार मौका है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने NIOS (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) के तहत 2025-26 सत्र के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद है कि जो छात्र किसी कारण से औपचारिक शिक्षा से बाहर हो गए हैं, उन्हें दोबारा स्कूल जैसी पढ़ाई का माहौल मिल सके।
कौन ले सकता है इस योजना का फायदा?
यह योजना उन छात्रों के लिए है जो दिल्ली सरकार (GNCTD) के किसी सरकारी स्कूल में 2024-25 तक पढ़ चुके हैं और 9वीं या 10वीं की परीक्षा में फेल या कंपार्टमेंट घोषित हो चुके हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि छात्र का स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (SLC) स्कूल ने जारी नहीं किया होना चाहिए। यानी अगर आपने स्कूल को आधिकारिक रूप से छोड़ा नहीं है, तो आप इस योजना के लिए योग्य हैं।
पंजीकरण (Registration) कैसे होगा?
पंजीकरण की जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाचार्य (Principal) की होगी। वे ही तय करेंगे कि कौन से छात्र इस योजना के लिए योग्य हैं और उनका नामांकन कराएंगे।
दिल्ली सरकार ने खास तौर पर लड़कियों के लिए 75 स्टडी सेंटर्स (Study Centers) तय किए हैं, जहां उनके लिए विशेष शिविर (Camps) लगाए जाएंगे। इसका मकसद है कि लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन मिले और वे बिना किसी रुकावट के अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
पंजीकरण फीस कितनी है?
NIOS के तहत पढ़ाई के लिए पंजीकरण (Registration) करते समय 5 विषयों के लिए कुल ₹500 फीस देनी होगी। अगर आप कोई अतिरिक्त विषय लेना चाहते हैं, तो उसके लिए ₹200 प्रति विषय अलग से देने होंगे।
अगर आपने पहले पढ़े किसी विषय का TOC (Transfer of Credit) कराना है, यानी उस विषय के पुराने अंक ट्रांसफर कराने हैं, तो उसके लिए ₹230 प्रति विषय देना होगा।
परीक्षा फीस कितनी होगी?
हर विषय के लिए परीक्षा देने पर ₹500 परीक्षा शुल्क देना होगा। अगर आपके किसी विषय में प्रैक्टिकल (Practical) है जैसे पेंटिंग, होम साइंस या कंप्यूटर साइंस, तो उस विषय के लिए ₹120 अलग से देने होंगे।
उदाहरण के लिए, अगर आपने पेंटिंग और होम साइंस चुना है, तो दो प्रैक्टिकल विषयों के लिए आपको ₹150 प्रति विषय के हिसाब से ₹300 देने होंगे।
पैसे जमा कहां होंगे?
सभी फीस (पंजीकरण, परीक्षा और TOC) स्कूल के माध्यम से ही जमा की जाएगी। छात्र खुद फीस नहीं भरेंगे, बल्कि स्कूल के प्रिंसिपल इस प्रक्रिया में मदद करेंगे।
क्या सरकार से कोई मदद भी मिलेगी?
हां, दिल्ली सरकार की डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के तहत छात्र को आर्थिक सहायता (सब्सिडी) भी दी जाएगी। इसका मतलब है कि फीस में कुछ हिस्सा सरकार खुद वहन करेगी, ताकि गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी आसानी से पढ़ाई कर सकें।
अंतिम तारीख क्या है?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को 31 जुलाई 2025 तक आवेदन करना होगा। अगर आप इस तारीख से पहले पंजीकरण और फीस नहीं भरते हैं, तो आप इस योजना का हिस्सा नहीं बन सकेंगे। इसलिए समय रहते आवेदन करना बहुत जरूरी है।