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आपातकाल जैसे हालात? गृह मंत्रालय का बड़ा आदेश, आपातकालीन शक्तियां लागू करने के निर्देश

गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से जम्मू और राजस्थान पर हुए मिसाइल-ड्रोन हमलों के बाद भारत में मची हलचल, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सिविल डिफेंस एक्ट के तहत आपातकालीन उपाय लागू करने का दिया आदेश। क्या भारत युद्ध की तैयारी में है? जानिए ऑपरेशन सिंदूर से लेकर ब्लैकआउट तक की पूरी कहानी

By PMS News
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आपातकाल जैसे हालात? गृह मंत्रालय का बड़ा आदेश, आपातकालीन शक्तियां लागू करने के निर्देश
आपातकाल जैसे हालात? गृह मंत्रालय का बड़ा आदेश, आपातकालीन शक्तियां लागू करने के निर्देश

भारत की पश्चिमी सीमा पर हाल के दिनों में बढ़ते सुरक्षा खतरे और पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों की आशंका के मद्देनज़र, गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs – MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 (Civil Defence Act, 1968) के तहत आपातकालीन उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

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यह कदम जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल में किए गए हमलों के बाद उठाया गया है, जिसमें गुरुवार रात ड्रोन और मिसाइल हमले शामिल थे। इस स्थिति ने देश की सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक ढांचे को हाई अलर्ट पर ला दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर तनाव चरम पर

भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चलाया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए, जिन्हें भारत की आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।

इस घटनाक्रम के बाद से दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच तनाव एक बार फिर गंभीर हो गया है। एलओसी (Line of Control) पर लगातार सीजफायर उल्लंघन और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के आरोपों के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

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गृह मंत्रालय का निर्देश: सिविल डिफेंस उपायों को तुरंत लागू करें

गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 की धारा 11 (Section 11 of Civil Defence Rules) का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकों और संपत्ति की सुरक्षा, महत्वपूर्ण सेवाओं के संचालन और दुश्मन के हमले के दौरान आवश्यक कदम उठाने का अधिकार प्राप्त है।

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि स्थानीय प्राधिकरणों के फंड का उपयोग इन आपातकालीन उपायों के लिए किया जा सकता है और इसे अन्य सभी वित्तीय जरूरतों पर प्राथमिकता दी जाएगी।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष शक्तियाँ देने का निर्देश

मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने सिविल डिफेंस निदेशकों (Civil Defence Directors) को आपातकालीन खरीद की शक्ति (Emergency Procurement Powers) प्रदान करें।

यह कदम सुरक्षात्मक उपायों को त्वरित और प्रभावी रूप से लागू करने के लिए आवश्यक माना गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस समय पर की गई तैयारी किसी भी संभावित नुकसान को रोकने में मददगार हो सकती है।

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देश भर में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की तैयारी

देश के विभिन्न हिस्सों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किए जा रहे हैं ताकि आम नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। कई शहरों में रात के समय ब्लैकआउट कर सुरक्षा अभ्यास किया गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार युद्ध-स्तरीय तैयारियों में जुट गई है।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र की सख्ती

अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है और इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) पर तैनात सभी सुरक्षाबलों को अतिरिक्त संसाधनों के साथ सतर्क रहने को कहा गया है।

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युद्ध नहीं, संयम की जरूरत: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

इस गंभीर स्थिति के बीच अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि “युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है।” बोर्ड ने दोनों देशों की सरकारों से शांति और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने का आग्रह किया है।

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