News

Income Tax New Rule 2025: घर में कैश रखने वालों की अब खैर नहीं! इनकम टैक्स के बदले नियम से हो सकता है बड़ा जुर्माना

नकद राशि घर पर रखना कितना सुरक्षित है? जानिए इनकम टैक्स विभाग के नए नियम, पैन कार्ड से जुड़े अनिवार्य प्रावधान और बड़े लेनदेन पर लगने वाले भारी जुर्माने के बारे में – कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये बड़ी गलती

By PMS News
Published on
Income Tax New Rule 2025: घर में कैश रखने वालों की अब खैर नहीं! इनकम टैक्स के बदले नियम से हो सकता है बड़ा जुर्माना
Income Tax New Rule 2025: घर में कैश रखने वालों की अब खैर नहीं! इनकम टैक्स के बदले नियम से हो सकता है बड़ा जुर्माना

आज के डिजिटल युग में इनकम टैक्स (Income Tax) एक महत्वपूर्ण विषय है, जो सभी वेतनभोगी और व्यवसायिक व्यक्तियों के लिए आवश्यक है। हर व्यक्ति अपनी आय (Income) के अनुसार जीवन यापन करता है, और सरकार को अपनी कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में चुकाना अनिवार्य है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपने घर पर कितनी नकद राशि (Cash) रख सकते हैं, इसके लिए क्या नियम हैं और इससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रावधान क्या हैं।

यह भी देखें: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सरकार को मिली ज़मीन अधिग्रहण में बड़ी राहत, हाईकोर्ट का आदेश किया रद्द – Land Acquisition Made Easier

घर पर कितनी नकद राशि रख सकते हैं?

आम धारणा है कि सरकार ने घर पर नकद राशि रखने के लिए कोई विशेष सीमा निर्धारित की है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने इस बारे में कोई विशेष सीमा तय नहीं की है। यानी, आप अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार घर पर कितनी भी नकद राशि रख सकते हैं, लेकिन इसके लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है – आपके पास उस रकम का वैध स्रोत (Legitimate Source) होना चाहिए।

अगर किसी जांच एजेंसी (Investigation Agency) द्वारा पूछताछ की जाती है, तो आपको इस नकद राशि का स्रोत बताना अनिवार्य होता है। इसके अलावा, आपको अपना आईटीआर (ITR) डिक्लेरेशन भी दिखाना पड़ सकता है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आप गंभीर कानूनी (Legal) समस्याओं में फंस सकते हैं।

आय का स्रोत न बताने पर क्या होगा?

अगर आप अपनी आय के स्रोत का खुलासा नहीं करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। अगर आपके पास अघोषित नकद राशि पाई जाती है, तो विभाग आपके खिलाफ जुर्माना (Penalty) लगा सकता है और कुछ मामलों में नकद राशि जब्त भी कर सकता है। गंभीर मामलों में गिरफ्तारी (Arrest) की भी संभावना हो सकती है। इसलिए, हमेशा अपनी सभी आय का हिसाब रखना और उसे समय पर घोषित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यह भी देखें: किसानों को बड़ी राहत! जमीन अधिग्रहण में देरी पर मिलेगा मार्केट रेट से मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला – Farmers Compensation Order

बैंक में पैसा जमा करने और निकालने के नियम

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के अनुसार, यदि आप अपने बैंक खाते से एक बार में 50,000 रुपये से अधिक की राशि निकालते हैं या जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड (PAN Card) दिखाना होगा। यह नियम बैंकों को अपने ग्राहकों के लेनदेन की निगरानी करने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने में मदद करता है।

इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति ने पिछले तीन वर्षों से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है और वह एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) में बैंक से 20 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालता है, तो उसे विशेष कर का भुगतान करना पड़ेगा। 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर 2% और 1 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन पर 5% का टीडीएस (TDS – Tax Deducted at Source) लगाया जाता है।

नियमित रूप से आईटीआर भरने के फायदे

जो लोग नियमित रूप से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं, उन्हें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। सबसे पहले, उन्हें बड़े लेनदेन पर अतिरिक्त टीडीएस से छूट मिल सकती है। दूसरा, वे बिना किसी परेशानी के बैंक लोन (Bank Loan), क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

यह भी देखें: सुप्रीम कोर्ट का सख्त फैसला, बिना उचित मुआवजा दिए नहीं हो सकता भूमि अधिग्रहण, SC Comment on Land

नियमित आईटीआर फाइलिंग से आपको वीजा (Visa) आवेदन प्रक्रिया में भी सहायता मिलती है, क्योंकि कई देश आवेदकों से पिछले कुछ वर्षों के टैक्स रिटर्न की मांग करते हैं। इसके अलावा, यदि आप भविष्य में कोई प्रॉपर्टी (Property) खरीदना चाहते हैं, तो आपका टैक्स रिटर्न आपकी वित्तीय स्थिति का प्रमाण बन सकता है।

डिजिटल भुगतान और कैशलेस अर्थव्यवस्था का प्रभाव

डिजिटल युग में, सरकार कैशलेस लेनदेन (Cashless Transactions) को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल भुगतान (Digital Payment) से न केवल लेनदेन की पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि कर चोरी (Tax Evasion) की संभावना भी कम होती है। यही कारण है कि सरकार UPI, नेट बैंकिंग (Net Banking) और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों को प्रोत्साहित कर रही है।

कर चोरी से बचने के उपाय

कर चोरी से बचने के लिए, हमेशा अपनी सभी आय को घोषित करना और समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना सुनिश्चित करें। अपने सभी वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड रखें, खासकर जब बड़ी राशि का लेनदेन हो रहा हो। यदि आप व्यवसाय (Business) चलाते हैं, तो अपने सभी व्यावसायिक खर्चों और आय का विवरण रखें।

यह भी देखें: हरियाणा में गर्मियों की छुट्टियों का ऐलान जल्द, जानिए किस दिन से बंद होंगे स्कूल Haryana Summer Holidays

इसके अलावा, टैक्स बचत के लिए वैध निवेश (Investment) विकल्पों का लाभ उठाएं। PPF, ELSS, जीवन बीमा (Life Insurance) और अन्य टैक्स-सेविंग निवेश आपके टैक्स बोझ को कम करने में मदद कर सकते हैं।

Leave a Comment