अगर आप भारतीय हैं और इसे साबित करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या राशन कार्ड दिखाने की सोच रहे हैं, तो अब यह तरीका मान्य नहीं रहेगा। दिल्ली पुलिस ने विदेशी नागरिकों और अवैध प्रवासियों की पहचान को लेकर बड़ा कदम उठाया है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब केवल दो दस्तावेज ही भारतीय नागरिकता का वैध प्रमाण माने जाएंगे — वोटर आईडी कार्ड और भारतीय पासपोर्ट।

अब आधार या पैन से नहीं चलेगा काम
दिल्ली पुलिस का कहना है कि कई अवैध प्रवासी फर्जी तरीके से आधार, पैन और राशन कार्ड जैसे सरकारी डॉक्यूमेंट बनवा लेते हैं, जिससे उनकी नागरिकता की जांच मुश्किल हो जाती है। इसीलिए इन डॉक्यूमेंट्स को अब नागरिकता प्रमाण के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी।
बढ़ी निगरानी, हर जिले में विशेष जांच
अप्रैल 2025 के अंत से लागू हुई इस नीति के तहत, दिल्ली के सभी जिलों में संदिग्ध प्रवासियों की सक्रिय पहचान और निगरानी शुरू कर दी गई है। हर जिले के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे अवैध प्रवासियों की जांच करें और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करें।
कौन से डॉक्यूमेंट होंगे मान्य?
नए नियमों के अनुसार, केवल ये दो दस्तावेज नागरिकता के वैध प्रमाण होंगे:
- वोटर आईडी कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
अगर किसी व्यक्ति के पास इनमें से कोई भी नहीं है, तो उसे भारतीय नागरिकता के लिए न्यायालय में अपील करनी होगी। अन्यथा उसे विदेशी नागरिक माना जा सकता है।
शरणार्थियों पर क्या असर?
दिल्ली में कई बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थी यूएनएचसीआर (UNHCR) के कार्डधारक हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह दस्तावेज भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है। अगर केंद्र सरकार उन्हें मान्यता नहीं देती, तो ऐसे मामलों में डिपोर्टेशन की प्रक्रिया भी लागू की जा सकती है।
आतंकी हमले के बाद बढ़ी सख्ती
यह अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है जब जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के अधिकांश वीजा रद्द कर दिए हैं। दिल्ली में रह रहे करीब 3,500 पाकिस्तानी नागरिकों में से 400 से अधिक मुस्लिम नागरिक स्वदेश लौट चुके है।