हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक पर ब्लैक इंक का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है। इस पोस्ट ने कई लोगों के बीच असमंजस और भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। हालांकि, इस दावे को सत्यता से परे बताया गया है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस अफवाह का खंडन किया है और इसे पूरी तरह गलत करार दिया है।
PIB का खंडन और सच्चाई
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस दावे को स्पष्ट रूप से झूठा बताया। PIB ने कहा कि RBI ने चेक लिखने के लिए ब्लैक इंक या किसी अन्य रंग की स्याही के उपयोग पर कोई प्रतिबंध जारी नहीं किया है। RBI की ओर से इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं।
चेक लिखने के लिए RBI की गाइडलाइंस
भारतीय रिजर्व बैंक के चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के अनुसार, ग्राहकों को चेक लिखते समय स्थायी और इमेज-फ्रेंडली स्याही का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चेक पर लिखी गई जानकारी आसानी से पढ़ी जा सके और किसी प्रकार की छेड़छाड़ से बचा जा सके। हालांकि, RBI ने किसी विशेष रंग की स्याही को लेकर कोई नियम लागू नहीं किया है।
इसके अतिरिक्त, RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि चेक पर पेयी (Payee) का नाम या रकम में बदलाव मान्य नहीं है। अगर कोई गलती होती है, तो नया चेक जारी करना आवश्यक होगा। यह दिशा-निर्देश धोखाधड़ी रोकने और ट्रांजेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
चेक और उसकी भूमिका
चेक बैंकिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट है। HDFC बैंक की परिभाषा के अनुसार, चेक एक लिखित डॉक्यूमेंट है, जिसके माध्यम से किसी बैंक को एक निश्चित राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। यह नकद भुगतान का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका है।
अफवाहों से बचाव और सतर्कता
PIB ने जनता से आग्रह किया है कि वे सोशल मीडिया पर फैलने वाली झूठी खबरों से सतर्क रहें। किसी भी जानकारी पर भरोसा करने या उसे साझा करने से पहले तथ्य जांचना अनिवार्य है। इस घटना ने फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि आधिकारिक स्रोतों से ही सही जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी है।