हाल ही में, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने चर्चित शिक्षक और सोशल मीडिया स्टार ‘खान सर’ को कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में पहली बार उनके असली नाम का खुलासा हुआ है, जिसमें उन्हें फैसल खान @ खान सर के रूप में संबोधित किया गया है। बीपीएससी ने आरोप लगाया है कि खान सर ने आयोग पर कई गंभीर और अपमानजनक आरोप लगाए, जिनसे कानून-व्यवस्था को चुनौती मिली है।
बीपीएससी ने क्या आरोप लगाए?
BPSC की ओर से भेजे गए नोटिस में खान सर की टिप्पणी को “निराधार” और “अपमानजनक” बताया गया है। आयोग का कहना है कि खान सर ने अभ्यर्थियों को उकसाया, जिससे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए और कानून-व्यवस्था बिगड़ी।
आयोग ने कहा, “खान सर ने अपने बयान में आरोप लगाया कि बीपीएससी की सीटें बेची जा रही हैं और यह काम अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है। यह न केवल आयोग की छवि को नुकसान पहुंचाता है बल्कि अभ्यर्थियों के भविष्य को भी प्रभावित करता है।”
लीगल नोटिस में क्या है शामिल?
नोटिस में पांच पन्नों का विस्तृत विवरण है, जिसमें BPSC ने खान सर पर लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया है:
- आरोप 1: बीपीएससी की छवि को नुकसान पहुंचाना।
- आरोप 2: अभ्यर्थियों को भड़काकर कानून-व्यवस्था को चुनौती देना।
- आरोप 3: बिना सबूत के आयोग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना।
आयोग ने खान सर से 15 दिनों के भीतर बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
खान सर के बयान पर विवाद
खान सर ने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में गड़बड़ी और Normalization के मुद्दे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी और आयोग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उनकी यह टिप्पणी वायरल हो गई, जिससे आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।
क्या है खान सर का असली नाम?
सोशल मीडिया पर ‘खान सर’ हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। उनकी पहचान उनके नाम को लेकर लंबे समय से विवादों में रही है। इससे पहले कई बार उनका नाम ‘अमित’ होने की अफवाहें भी फैली थीं। लेकिन इस कानूनी नोटिस ने उनके असली नाम की पुष्टि कर दी है, जिसमें उन्हें फैसल खान @ खान सर कहा गया है।
दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में नोटिस
बीपीएससी ने खान सर को उनके विभिन्न शिक्षण केंद्रों पर नोटिस भेजा है। ये सेंटर दिल्ली के मुखर्जी नगर और करोल बाग, बिहार के बोरिंग रोड और मुसल्लपुर हाट, और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि बीपीएससी का यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आरोपों की गंभीरता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। खान सर के आरोप अगर सही साबित होते हैं, तो यह आयोग की साख पर गंभीर सवाल उठाएगा। वहीं, अगर उनके आरोप झूठे पाए गए, तो यह शिक्षण जगत के लिए एक बड़ा झटका होगा।
क्या होगा अगर खान सर माफी नहीं मांगते?
अगर खान सर 15 दिनों में सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो बीपीएससी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। आयोग ने संकेत दिया है कि उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।