18 जनवरी 2025 को भारतीय महानगरों में पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह स्थिरता अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण देखी जा रही है। भारत, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों पर काफी निर्भर है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में Crude Oil की कीमतें
वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 81.57 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) 79.08 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे हैं। यह कीमतें भारत के पेट्रोलियम उत्पादों की लागत को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, लेकिन भारतीय बाजार में इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
महानगरों में Petrol की कीमतें
देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल की कीमतें स्थिर हैं और इस प्रकार हैं:
- नई दिल्ली (New Delhi): ₹94.77 प्रति लीटर
- मुंबई (Mumbai): ₹103.44 प्रति लीटर
- कोलकाता (Kolkata): ₹104.95 प्रति लीटर
- चेन्नई (Chennai): ₹100.95 प्रति लीटर
ये कीमतें अलग-अलग राज्यों में लगने वाले वैट (VAT) और अन्य टैक्स के आधार पर भिन्न होती हैं।
Diesel की कीमतें महानगरों में
इसी प्रकार, डीजल (Diesel) की कीमतें भी महानगरों में स्थिर हैं:
- नई दिल्ली (New Delhi): ₹87.67 प्रति लीटर
- मुंबई (Mumbai): ₹89.97 प्रति लीटर
- कोलकाता (Kolkata): ₹91.76 प्रति लीटर
- चेन्नई (Chennai): ₹92.39 प्रति लीटर
पेट्रोल और डीजल की कीमतें राज्य सरकारों के टैक्स, केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क और डीलरों के कमीशन पर निर्भर करती हैं।
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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में स्थिरता का कारण
भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं। हालांकि, सरकार इन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए टैक्स नीति और सब्सिडी का उपयोग करती है। कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का सीधा प्रभाव रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देने की योजनाओं पर भी पड़ता है।
भारत में ईंधन की कीमतों का महत्व
ईंधन की कीमतें केवल वाहन चालकों को ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। महंगे ईंधन का असर परिवहन लागत और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर पड़ता है। यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जीवन यापन की लागत को भी प्रभावित करता है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भारत सरकार की नीतियां ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) और रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देकर भारत तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है।