केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह फैसला 16 जनवरी 2025 को लिया गया, जिससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक लाभान्वित होंगे।
सरकार के इस कदम को कर्मचारी संगठनों ने एक प्रगतिशील निर्णय करार दिया है। सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस (CSS) अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन सीएसएस फोरम ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे कर्मचारियों के हित में एक बड़ी उपलब्धि बताया।
सीएसएस फोरम ने मोदी सरकार का जताया आभार
सीएसएस फोरम के प्रेसिडेंट उदित आर्य ने 8वें वेतन आयोग के गठन को केंद्र सरकार की कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा,
“यह प्रोग्रेसिव स्टेप केंद्र सरकार के कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने और उनकी भलाई सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।”
फोरम ने केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उनकी डेडिकेटेड लीडरशिप से वेतन आयोग सार्थक सुधार करेगा और एक संतुलित तथा कुशल कंपनसेशन स्ट्रक्चर तैयार करेगा।
क्या है 8वें वेतन आयोग की जरूरत?
केंद्र सरकार ने हर 10 साल में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन के लिए वेतन आयोग गठित करने की परंपरा बनाई है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। अब 8वां वेतन आयोग कर्मचारियों की वर्तमान वित्तीय स्थिति, महंगाई दर, और अन्य कारकों के आधार पर वेतन संरचना को संतुलित और प्रतिस्पर्धी बनाने का काम करेगा।
13,000 सीएसएस अधिकारियों के प्रमोशन और कैडर रिव्यू पर जोर
सीएसएस फोरम ने सरकार से लंबे समय से पेंडिंग कैडर रिव्यू रिपोर्ट को जल्द लागू करने की भी अपील की। यह रिव्यू केंद्रीय सचिवालय सेवा के करीब 13,000 अधिकारियों के प्रमोशन और करियर में ठहराव को दूर करने के लिए अहम है।
फोरम के अनुसार,
“कैडर रिव्यू से नए पदों का सृजन होगा और प्रमोशन प्रक्रिया तेज होगी, जिससे कर्मचारियों की दक्षता और मनोबल बढ़ेगा।”
8वें वेतन आयोग से जुड़ी उम्मीदें
वेतन आयोग के गठन का मतलब है कि सरकार कर्मचारियों की वेतन संरचना और अन्य वित्तीय भत्तों का पुनर्मूल्यांकन (Reevaluation) करेगी। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की महंगाई भत्ते (DA), यात्रा भत्ता (TA), और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जैसे भत्तों में संशोधन होने की संभावना है।
कर्मचारी संगठनों ने फैसले को बताया मील का पत्थर
रेलवे कर्मचारियों, डाक विभाग, और अन्य केंद्रीय विभागों के संगठनों ने इस फैसले को एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक मजबूती देगा।
मोदी सरकार की कर्मचारी हितैषी नीतियां
मोदी सरकार ने इससे पहले भी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जैसे महंगाई भत्ते में वृद्धि, नई पेंशन योजना (NPS) में सुधार, और कर्मचारियों को वर्कफ्रेंडली माहौल उपलब्ध कराना। 8वें वेतन आयोग का गठन इन्हीं नीतियों की कड़ी में एक और बड़ा कदम है।
सीएसएस फोरम का सहयोग और समर्थन
सीएसएस फोरम ने इस प्रक्रिया में सरकार को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है। संगठन ने कहा कि वे सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को सकारात्मक और उत्पादक बनाने के लिए तत्पर हैं।