हरियाणा सरकार ने किसानों के कल्याण और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने ₹184 करोड़ की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की। इस पहल का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी जीवनशैली को उन्नत बनाना है। यह कदम किसानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें उन्हें समय पर आर्थिक सहायता और तकनीकी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ₹122 करोड़ की सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और कृषि सुधार के उद्देश्य से फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) के लिए ₹122 करोड़ की धनराशि जारी की है। इस धनराशि का उपयोग 10,393 आधुनिक मशीनों पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए किया गया।
यह योजना किसानों को पराली जलाने से रोकने और पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। आधुनिक यंत्रों का उपयोग मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करता है और किसानों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करता है।
प्रतिकूल मौसम से प्रभावित फसलों के लिए ₹62 करोड़ का बोनस
खरीफ-2024 के दौरान प्रतिकूल मौसम के कारण प्रभावित हुए किसानों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने ₹62 करोड़ की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की है। प्रत्येक प्रभावित किसान को ₹2000 प्रति एकड़ का बोनस दिया गया।
इस योजना के तहत अब तक ₹860 करोड़ की राशि 8.18 लाख किसानों को वितरित की जा चुकी है। यह बोनस प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करने और किसानों की आय में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से दिया गया।
डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए पारदर्शिता
हरियाणा सरकार की यह योजना प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लागू की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत सब्सिडी और बोनस की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है। डीबीटी के माध्यम से बिचौलियों की भूमिका को खत्म कर दिया गया है, जिससे योजना में पारदर्शिता और किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है।
डीबीटी प्रणाली का मुख्य लाभ यह है कि किसानों को बिना किसी देरी के समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। इससे न केवल उनकी लागत में कमी आती है, बल्कि उनकी आय में भी बढ़ोतरी होती है।
पर्यावरण संरक्षण में मददगार योजना
फसल अवशेष प्रबंधन योजना किसानों को पराली जलाने से रोकने और आधुनिक यंत्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है। पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है।
सरकार की यह योजना प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ किसानों को स्थायी कृषि प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। इस पहल के जरिए हरियाणा सरकार पर्यावरणीय समस्याओं को दूर करने और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
किसानों के कल्याण के लिए हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता
हरियाणा सरकार किसानों के कल्याण और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसानों को समय पर बोनस और सब्सिडी प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।
इसके अलावा, आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार प्रयासरत है। टेक्नोलॉजी के उपयोग से न केवल कृषि उत्पादन में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है।
सरकार की योजनाओं का असर
हरियाणा सरकार की इन योजनाओं का किसानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बोनस और सब्सिडी के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। वहीं, आधुनिक यंत्रों के उपयोग से कृषि उत्पादकता में भी बढ़ोतरी हुई है।
फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, जिससे पर्यावरणीय सुधार हुआ है। यह पहल सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो किसानों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण पर केंद्रित है।