अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। यह उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर देशभर में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों को प्रभावित करता है। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार की दरों के आधार पर तय होती हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से देश में ईंधन की कीमतों में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है।
दिल्ली समेत अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
आज 14 जनवरी 2025 को भी देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम ₹96.72 प्रति लीटर और डीजल का दाम ₹89.62 प्रति लीटर पर स्थिर है। मुंबई (Mumbai), चेन्नई (Chennai) और कोलकाता (Kolkata) जैसे महानगरों में भी ईंधन के दाम स्थिर बने हुए हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण
कच्चे तेल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे ओपेक देशों (OPEC Nations) का उत्पादन, वैश्विक मांग और भूराजनीतिक घटनाक्रम। हाल ही में ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कमी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी परिस्थितियों के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित हुई है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर बढ़ते झुकाव के कारण भी ईंधन की मांग पर असर पड़ा है।
भारत में ईंधन की कीमत तय करने का तरीका
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इंडियन ऑयल (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसी कंपनियों द्वारा तय की जाती हैं। ये कंपनियां कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत, एक्सचेंज रेट और टैक्स के आधार पर कीमतें तय करती हैं। राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स का ईंधन की कीमत पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
ईंधन की कीमतें और आम जनता पर असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है। परिवहन लागत बढ़ने के साथ ही आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि होती है। पिछले साल, भारत में महंगाई (Inflation) दर में इजाफा हुआ, जिसका प्रमुख कारण ईंधन की कीमतें थीं। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में कीमतें स्थिर रहने से जनता को थोड़ी राहत मिली है।
क्या आने वाले दिनों में बढ़ेंगी कीमतें?
विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में आने वाले दिनों में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ओपेक देशों ने उत्पादन में और कटौती की या भू-राजनीतिक परिस्थितियां और खराब हुईं, तो पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी संभव है। इसके साथ ही, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी कीमतों को प्रभावित कर सकती है।