लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक अनोखी और कठोर पहल की शुरुआत की है। उन्होंने निर्देश दिया है कि बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। यह कदम सड़क हादसों को रोकने और सुरक्षा के नियमों को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पेट्रोल पंप संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर कोई वाहन चालक बिना हेलमेट के पेट्रोल लेने आता है, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी जाए।
सड़क हादसों को रोकने के लिए सख्ती
लखनऊ में बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनजर, जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाने वाले हादसों के प्रमुख कारण बनते हैं। इन हादसों से न केवल चालक प्रभावित होता है, बल्कि दूसरे लोगों की जान-माल को भी खतरा होता है।
डीएम ने निर्देश दिया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य किया जाए। यदि कोई सरकारी कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस सख्त नियम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करना है।
ब्लैक स्पॉट की पहचान और सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि लखनऊ में उन सड़कों और चौराहों का सर्वेक्षण किया जाए, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इन “ब्लैक स्पॉट” की पहचान करके वहां अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए भी सख्त नियम लागू करने की बात कही।
डीएम ने सड़क पर चल रहे वाहनों की फिटनेस जांचने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फिटनेस जांच में कोई कोताही न बरती जाए।
बिना हेलमेट पेट्रोल लेने पर चालान
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने आता है, तो उसका चालान काटा जाएगा। इस निर्देश का उद्देश्य वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की आदत डालना है।
लखनऊ की पहल
यह पहल केवल नियम लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास है। जिलाधिकारी का मानना है कि यदि लोग सुरक्षा नियमों का पालन करें, तो सड़क हादसों को बड़ी हद तक रोका जा सकता है।