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यूपी में यहाँ बनेगा 6 लेन का नया एक्‍सप्रेसवे, 5 हजार करोड़ रुपये का आएगा खर्च, किसान होंगे मालामाल

प्रयागराज से अयोध्या 6 लेन एक्सप्रेसवे 90 किलोमीटर लंबी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है। इसके बनने से यात्रा समय घटकर ढाई घंटे हो जाएगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह दो चरणों में पूरी होगी और इसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

By PMS News
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यूपी में यहाँ बनेगा 6 लेन का नया एक्‍सप्रेसवे, 5 हजार करोड़ रुपये का आएगा खर्च, किसान होंगे मालामाल
यूपी में यहाँ बनेगा 6 लेन का नया एक्‍सप्रेसवे

भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में प्रयागराज से अयोध्या को जोड़ने वाला 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ते हुए यातायात को सुगम बनाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना लगभग 90 किलोमीटर लंबी होगी और इसे बनाने में करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

यह एक्सप्रेसवे राम नगरी अयोध्या, संगम नगरी प्रयागराज और प्रतापगढ़ जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने के साथ-साथ यातायात के मौजूदा दबाव को कम करेगा। राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यह परियोजना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

एक्सप्रेसवे की विशेषताएं और डिज़ाइन

नया एक्सप्रेसवे 38 मीटर चौड़ा होगा और इसमें कई उन्नत सुविधाएं शामिल होंगी।

  • डिज़ाइन: एक्सप्रेसवे में 15-15 मीटर चौड़े कैरिज-वे होंगे। साथ ही दो मीटर के फोल्डर और सर्विस रोड की व्यवस्था भी की जाएगी।
  • सुरक्षा: सड़क के दोनों ओर लोहे के गार्डर लगाए जाएंगे ताकि आवारा पशुओं की एंट्री को रोका जा सके। इससे सड़क हादसों में कमी आएगी।
  • यात्रा का समय: वर्तमान में प्रयागराज से अयोध्या पहुंचने में चार से पांच घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह समय घटकर ढाई घंटे रह जाएगा।

यह एक्सप्रेसवे हाई-स्पीड वाहनों के लिए तैयार किया जाएगा, जहां तीन पहिया, ट्रैक्टर और छोटे वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा।

निर्माण की चरणबद्ध योजना

इस परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा:

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  1. पहला चरण: पहले चरण में भरत कुंड परिक्रमा मार्ग (अयोध्या) से कटका तक 45 किलोमीटर का निर्माण होगा।
  2. दूसरा चरण: दूसरे चरण में कटका से गोंडे गांव सोनावा तक 45 किलोमीटर की दूरी पर काम पूरा किया जाएगा।

इसके अलावा, एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी टीएएसपीएल दिल्ली को सौंपी है।

भूमि अधिग्रहण और किसानों का मुआवजा

इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा ताकि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने पर जोर दिया जाएगा।

निर्माण में आने वाली चुनौतियां

इस परियोजना के निर्माण में कुछ बाधाएं भी हैं:

  • एयरफोर्स और यूपीडा से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना आवश्यक होगा।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे क्रासिंग: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की एयर स्ट्रिप इस परियोजना में बाधा बन रही है। इसे हल करने के लिए 18 मीटर ऊंचाई का फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
  • आरओबी और पुलों का निर्माण: प्रोजेक्ट में 6 आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) और कई बड़े पुल बनाने की योजना है।

प्रोजेक्ट के आर्थिक और सामाजिक लाभ

  • आर्थिक विकास: यह परियोजना स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी। राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे इस एक्सप्रेसवे की उपयोगिता और अधिक बढ़ जाएगी।
  • समय और ईंधन की बचत: एक्सप्रेसवे के कारण यात्रा का समय घटने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत भी कम होगी।

तकनीकी विशिष्टताएं

प्रोजेक्ट की तकनीकी रूपरेखा इस प्रकार है:

  • चौड़ाई: 38 मीटर
  • फेज़: दो चरण
  • कुल लंबाई: 90 किलोमीटर
  • सुरक्षा: लोहे के गार्डर, मॉडर्न ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
  • अनुमानित लागत: 5,000 करोड़ रुपये

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