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JNV Admission: क्या प्राइवेट स्कूल के छात्र नवोदय विद्यालय में एडमिशन ले सकते हैं? जानें क्या है नियम?

जवाहर नवोदय विद्यालय देश के वंचित और ग्रामीण छात्रों के लिए एक वरदान हैं। मुफ्त शिक्षा, समग्र विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने वाली नीतियों के साथ, यह स्कूल योग्य छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा और अवसर प्रदान करते हैं। इस प्रतिष्ठित स्कूल में एडमिशन पाना कठिन है, लेकिन यह छात्रों के उज्जवल भविष्य की नींव रखता है।

By PMS News
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JNV Admission: क्या प्राइवेट स्कूल के छात्र नवोदय विद्यालय में एडमिशन ले सकते हैं? जानें क्या है नियम?
JNV Admission

भारत के जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) एक ऐसा शैक्षणिक संस्थान हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। देशभर में कुल 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्र पढ़ाई करते हैं। 31 मार्च 2024 तक, इन विद्यालयों में कुल 2,88,666 छात्र नामांकित हैं। प्रवेश के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा (JNVST) अनिवार्य है, जिसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट navodaya.gov.in पर उपलब्ध है।

ग्रामीण छात्रों की प्राथमिकता

जवाहर नवोदय विद्यालय का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है। यहां दाखिला लेना और पढ़ाई करना पूरी तरह मुफ्त है, जिससे यह स्कूल गरीब तबके के छात्रों के लिए एक वरदान साबित होता है। हालांकि, प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ाई कर रहे हों।

निजी स्कूल के छात्र भी ले सकते हैं प्रवेश

जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला पाने के लिए एकमात्र शर्त है कि छात्र किसी रजिस्टर्ड स्कूल में पढ़ाई कर रहा हो। प्राइवेट स्कूल हो या सरकारी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि छात्र JNVST पास कर लेता है, तो उसे इस प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल में दाखिला मिल सकता है। यह नीति सुनिश्चित करती है कि योग्य छात्रों को अवसर मिले, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

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एक जवाहर नवोदय विद्यालय से दूसरे में ट्रांसफर कैसे मिलता है?

जवाहर नवोदय विद्यालय का शैक्षणिक मॉडल छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। भारतीय संस्कृति और विविधता को बढ़ावा देने के लिए यहां माइग्रेशन पॉलिसी लागू है। इसके तहत, कक्षा 9वीं के 30% छात्रों को एक शैक्षणिक सत्र के लिए दूसरे नवोदय विद्यालय में स्थानांतरित किया जाता है। यह माइग्रेशन आमतौर पर हिंदी भाषी और गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों के बीच होता है। यह कदम छात्रों को अलग-अलग सांस्कृतिक और भाषाई अनुभवों से अवगत कराने के लिए उठाया गया है।

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