दिल्ली में नर्सरी एडमिशन 2025-26 का शेड्यूल अब घोषित कर दिया गया है, और माता-पिता अपने बच्चों के लिए स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर व्यस्त हैं। दिल्ली के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी, प्री-प्राइमरी और कक्षा 1 के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब, सभी की नजर फर्स्ट मेरिट लिस्ट पर है, जो 17 जनवरी 2025 को जारी की जाएगी। इसके बाद ही एडमिशन की प्रक्रिया की शुरुआत होगी, और यह निश्चित तिथियों पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद पूरी होगी।
Delhi Nursery Admission 2025 महत्वपूर्ण तारीखें
दिल्ली नर्सरी एडमिशन 2025-26 के लिए आवेदन की तिथि 28 नवंबर से 20 दिसंबर 2024 तक थी, और इसके बाद स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहली मेरिट लिस्ट 17 जनवरी 2025 को जारी की जाएगी। इसके बाद 18 से 27 जनवरी 2025 तक अभिभावक इस लिस्ट के बारे में किसी भी प्रश्न को ईमेल, लिखित या मौखिक रूप से उठा सकते हैं। इसके बाद 3 फरवरी 2025 को दूसरी मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी, और 5 से 11 फरवरी 2025 तक अभिभावक सेकेंड लिस्ट के बारे में सवाल उठा सकते हैं। अंत में, यदि आवश्यकता पड़ी, तो बाद की मेरिट लिस्ट 26 फरवरी 2025 तक जारी की जाएगी। एडमिशन की प्रक्रिया 14 मार्च 2025 तक पूरी कर ली जाएगी।
प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
नर्सरी एडमिशन के लिए बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र (Date of Birth Certificate) का होना बेहद जरूरी है। साथ ही, माता-पिता को अपनी और बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो, बच्चे का आधार कार्ड (यदि आवश्यक हो) और अन्य जरूरी दस्तावेज स्कूल में जमा करने होंगे। आधार कार्ड बाद में भी स्कूल में प्रस्तुत किया जा सकता है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र के बिना एडमिशन संभव नहीं है। एडमिशन फीस के भुगतान के बाद ही बच्चों का दाखिला पुष्टि किया जाएगा।
दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की स्थिति
दिल्ली में लगभग 1741 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से बच्चों का दाखिला होता है। प्रत्येक स्कूल की अपनी प्रवेश प्रक्रिया और शर्तें होती हैं, लेकिन सभी स्कूलों को दिल्ली सरकार के द्वारा निर्धारित समय और शर्तों का पालन करना होता है। एडमिशन के लिए सीटों का आरक्षण भी किया जाता है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), वंचित समूह (DG) और विकलांग बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित रहती हैं।
नर्सरी एडमिशन के लिए उम्र सीमा
31 मार्च 2025 तक, नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र तीन साल होनी चाहिए। वहीं, केजी के लिए चार साल और कक्षा 1 के लिए पांच साल से कम नहीं होनी चाहिए। यह समय सीमा प्रत्येक स्कूल में लागू होती है, ताकि बच्चों की उम्र और शिक्षा के स्तर का सही मेल हो सके।