स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने झारखंड राज्य के प्राथमिक, मध्य, सहायता प्राप्त और उच्च विद्यालयों के लिए वर्ष 2025 की एकीकृत अवकाश तालिका जारी की है। इस तालिका में कुल 60 दिनों का अवकाश तय किया गया है, लेकिन इसे लेकर शिक्षकों के बीच असंतोष और विरोध की लहर दौड़ गई है। शिक्षकों का कहना है कि इस तालिका में कई त्रुटियाँ हैं, जिनकी वजह से उन्हें कार्य में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
अवकाश तालिका में ग्रीष्म अवकाश में कमी
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता नसीम अहमद ने अवकाश तालिका पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनके अनुसार, ग्रीष्मकालीन अवकाश को पहले 20 दिनों से घटाकर 12 दिन कर दिया गया है, जो शिक्षकों के लिए असंतोषजनक है। उनका कहना है कि शिक्षकों को अर्जित अवकाश के बदले ग्रीष्म अवकाश मिलता था, और इस बदलाव से शिक्षक वर्ग को नुकसान हो रहा है। संघ ने मांग की है कि ग्रीष्म अवकाश को बहाल किया जाए और शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश की घोषणा की जाए।
उर्दू विद्यालयों के अवकाश में खामियाँ
उर्दू विद्यालयों में छुट्टी शुक्रवार को होती है, लेकिन तालिका में 8 दिनों का अवकाश शुक्रवार को रखा गया है, जो शिक्षकों के लिए असुविधाजनक हो सकता है। इसके अलावा, मुहर्रम और शब-ए-बरात जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों के लिए छुट्टी का प्रावधान नहीं किया गया है। इस स्थिति ने उर्दू विद्यालयों के शिक्षकों में असंतोष बढ़ा दिया है, क्योंकि उनकी अवकाश प्रणाली सामान्य विद्यालयों से अलग होती है।
स्थानीय पर्व और त्यौहारों का ध्यान न रखा जाना
तालिका में स्थानीय पर्वों और त्यौहारों को नजरअंदाज किया गया है, जिससे कई जिलों के शिक्षक और छात्र प्रभावित हो सकते हैं। रांची जिले में टुसू पर्व एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, लेकिन इसे अवकाश सूची में शामिल नहीं किया गया है। संघ का मानना है कि प्रत्येक जिले के स्थानीय त्यौहारों के आधार पर छुट्टियाँ तय की जानी चाहिए, ताकि शिक्षक और छात्र अपनी परंपराओं का पालन कर सकें।
अवकाश तालिका में अन्य त्रुटियाँ
संघ के पदाधिकारी और सदस्य अवकाश तालिका में और भी कई त्रुटियाँ बता रहे हैं। जैसे, 16 अगस्त को जन्माष्टमी की छुट्टी दी गई है, जबकि यह दिन तीसरा शनिवार भी है, जिस दिन पहले से ही छुट्टी रहती है। इसी तरह, 15 नवम्बर को स्थापना दिवस के लिए छुट्टी दी गई है, जबकि यह दिन भी तीसरा शनिवार है। ऐसे में तालिका में छुट्टियों की संख्या का सही तरीके से हिसाब नहीं किया गया है, जिससे शिक्षक वर्ग में नाराजगी बढ़ी है।
संघ की मांग और सुझाव
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने यह सुझाव दिया है कि अवकाश तालिका बनाने में जिला शिक्षा अधिकारियों को अधिकार दिया जाए, ताकि प्रत्येक जिले की स्थानीय परिस्थितियों और त्यौहारों के अनुसार तालिका तैयार की जा सके। संघ ने यह भी कहा है कि अगर अवकाश तालिका बनाने वाले शिक्षक होते, तो इन त्रुटियों का तुरंत समाधान हो जाता।