सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र में बदलाव का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि न तो जल्दी रिटायरमेंट (Early Retirement) की कोई योजना बनाई जा रही है, न ही देर से रिटायरमेंट (Delayed Retirement) की।
मौजूदा नियमों के तहत, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 और अखिल भारतीय सेवा (डेथ-कम-रिटायरमेंट बेनिफिट्स) नियम, 1958 के तहत कर्मचारी जल्दी रिटायरमेंट का विकल्प चुन सकते हैं। यह विकल्प उन कर्मचारियों के लिए है जो निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं।
रिटायरमेंट से जुड़े सवाल और सरकार का जवाब
राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह ने सरकार से यह सवाल किया था कि क्या केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जल्दी रिटायरमेंट की कोई योजना बनाई जा रही है और इसके प्रभाव क्या होंगे। इसके जवाब में मंत्री ने साफ कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। सांसद ने यह भी जानना चाहा कि क्या देर से रिटायरमेंट की कोई योजना बनाई गई है। इस पर भी मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई योजना सरकार के एजेंडे में नहीं है।
मंत्री ने यह भी जोड़ा कि रिटायरमेंट की उम्र में लचीलापन (Flexibility in Retirement Age) लाने पर कोई व्यापक नीति नहीं बनाई गई है। हालांकि, मौजूदा नियमों के तहत जल्दी रिटायरमेंट के लिए विकल्प मौजूद है।
जल्दी रिटायरमेंट क्यों चुना जाता है?
जल्दी रिटायरमेंट लेने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कर्मचारियों के लिए यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य, पारिवारिक जिम्मेदारियां, या नई शुरुआत के लिए एक अवसर हो सकता है। उदाहरण के लिए, कोई अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए रिटायरमेंट लेना चाहता है तो कोई अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहता है।
जल्दी रिटायरमेंट का विकल्प उन कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है जो अपने करियर में नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं, जैसे कि एक नया बिजनेस या समाज सेवा। इसके अलावा, यह उन्हें अपनी रुचियों और शौक पूरे करने का मौका भी देता है।