शेयर बाजार में आपने कई बार सुना होगा कि किसी शेयर ने निवेशकों को कम समय में मालामाल कर दिया। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि मात्र 1.8 लाख रुपये के निवेश से 900 करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली जाए? एल्सिड इन्वेस्टमेंट (Elcid Investment) का मामला ऐसा ही है, जिसने अपने निवेशकों को करोड़पति बनने का मौका ही नहीं दिया, बल्कि अमीरों की सूची में शामिल कर दिया।
छह महीने में 55,751 गुना रिटर्न
BSE में लिस्टेड एल्सिड इन्वेस्टमेंट के शेयर ने छह महीनों के भीतर 55,751 गुना रिटर्न दिया। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3,804 करोड़ रुपये है। सितंबर तिमाही के अंत में, कंपनी के पास केवल 322 सार्वजनिक शेयरधारक थे। प्रमोटर्स को जोड़ने के बाद कुल शेयरधारकों की संख्या 328 तक पहुँच गई। इस कंपनी में केवल 50,000 शेयर पब्लिक शेयरधारकों के पास हैं, जो कंपनी में 25% हिस्सेदारी रखते हैं।
निवेशकों के लिए चमत्कारी रिटर्न
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स का यह शेयर पहले 3.53 रुपये के स्तर पर था। जून में जिन 322 सार्वजनिक शेयरधारकों ने 1.77 लाख रुपये का निवेश किया था, उनकी संपत्ति अब बढ़कर 984 करोड़ रुपये हो गई है। यह भारत का सबसे महंगा शेयर बन गया है, जिसने निवेशकों को अभूतपूर्व लाभ दिया।
एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स की खासियत यह है कि यह एशियन पेंट्स लिमिटेड की प्रमोटर कंपनियों में से एक है। 30 सितंबर तक, इसके पास एशियन पेंट्स के 2.95% शेयर यानी 2,83,13,860 शेयर थे। इन शेयरों की कीमत गुरुवार के स्तर पर 6,490 करोड़ रुपये आंकी गई। इसके अलावा, इसकी सहायक कंपनियाँ मुरहर इन्वेस्टमेंट्स और सुप्तस्वर इन्वेस्टमेंट्स भी एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी रखती हैं, जिनकी कीमत 2,818 करोड़ रुपये है।
ट्रेडिंग की कमी और विशेष ऑक्शन का असर
एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स के शेयर पहले कम ही ट्रेड होते थे। इसकी वजह यह थी कि शेयर के खरीदार तो थे, लेकिन बेचने वाले नहीं। SEBI ने इस समस्या का समाधान करने के लिए जून 2024 में लिस्टेड निवेश कंपनियों के लिए स्पेशल कॉल ऑक्शन का आयोजन किया। 29 अक्टूबर को हुए इस ऑक्शन के बाद, शेयर की कीमत 2,36,250 रुपये तक पहुँच गई और 8 नवंबर को यह 3,32,399.95 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँचा। हालांकि, इसके बाद इसमें थोड़ा सुधार देखने को मिला।