हाल ही में सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के तहत 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा समाप्त कर दी गई है। साथ ही कहा गया है कि एमफिल (MPhil) की पढ़ाई बंद कर दी जाएगी, और कॉलेज डिग्री की अवधि अब 5 साल की होगी। इन दावों ने छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता और भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। लेकिन प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन सभी दावों को खारिज करते हुए सच्चाई उजागर की है।
क्या सच में 10वीं बोर्ड खत्म हो गई है?
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज के अनुसार, नई शिक्षा नीति के तहत 10वीं बोर्ड परीक्षा को समाप्त कर दिया गया है। दावा किया गया कि 36 साल बाद लागू हुई नई नीति में केवल 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा होगी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि 5वीं तक के छात्रों को अब मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।
हालांकि, PIB ने इसे स्पष्ट रूप से फर्जी करार दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया है। PIB ने अपने आधिकारिक X हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 10वीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त करने का दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।”
नई शिक्षा नीति 2020 की मुख्य बातें
हालांकि, वायरल मैसेज में कुछ तथ्य वास्तविक नीति के करीब हैं लेकिन उन्हें गलत संदर्भ में पेश किया गया है। नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए कई परिवर्तन लाए गए हैं:
- एमफिल बंद (MPhil Discontinued): नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रम को समाप्त कर दिया गया है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है।
- कॉलेज डिग्री की अवधि: कॉलेज की डिग्री अब लचीली होगी। चार साल की स्नातक डिग्री के साथ छात्रों को रिसर्च करने का अवसर मिलेगा।
- मातृ भाषा में शिक्षा: कक्षा 5 तक मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है।
- 10+2 प्रणाली का पुनर्गठन: अब शिक्षा को 5+3+3+4 के ढांचे में पुनर्गठित किया गया है, जिसमें फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी स्तर शामिल हैं।
वायरल संदेश क्यों भ्रामक है?
वायरल संदेश में कुछ वास्तविक तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। उदाहरण के लिए, 10वीं बोर्ड परीक्षा को समाप्त करने की बात पूरी तरह गलत है। नई नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में सुधार किए जा रहे हैं, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं को समाप्त करने जैसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
PIB के स्पष्टीकरण के बावजूद, ऐसे भ्रामक संदेश इंटरनेट पर तेजी से फैल रहे हैं। यह जरूरी है कि लोग किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।