यूपी के संभल जिले में जुमे के दिन लाउडस्पीकर से तेज आवाज में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। 13 दिसंबर को सदर कोतवाली क्षेत्र की अनार वाली मस्जिद में इमाम तहजीब द्वारा नियमों के खिलाफ लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया और शांतिभंग के तहत चालान करते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना ठोका।
इस कार्रवाई से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी बढ़ी और कई वकील कोतवाली पहुंचे। उन्होंने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। इस दौरान एक वकील के बयान ने माहौल को और गरमा दिया, जब उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे कदम उठा रही है जिससे मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरे और निर्दोषों को निशाना बनाया जा सके। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने मामले को शांत करने की कोशिश की।
जामा मस्जिद सर्वे के बाद कड़ी पुलिस तैनाती
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर पहले हुई हिंसा के चलते पुलिस प्रशासन लगातार सतर्क है। हर शुक्रवार को मस्जिदों के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है। 13 दिसंबर को हुई घटना के बाद भी प्रशासन ने इस नीति का पालन किया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त रवैया अपनाया।
इमाम की गिरफ्तारी और पुलिस का बयान
कोतवाल अनुज तोमर ने इस घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर का तेज आवाज में उपयोग नियमों का उल्लंघन है। यह शांतिभंग की श्रेणी में आता है, और इसी आधार पर इमाम तहजीब को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कानून तोड़ने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
एसडीएम वंदना मिश्रा ने भी इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासन की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक आयोजन के दौरान नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी गई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन जानबूझकर एक विशेष समुदाय को निशाना बना रहा है। हालाँकि, पुलिस ने माहौल को शांत करने के लिए सभी अधिवक्ताओं को समझाकर कोतवाली से रवाना कर दिया।