उत्तर प्रदेश में विकास को गति देने के लिए गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल गाजियाबाद और कानपुर के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के 9 जिलों के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। इस परियोजना की कुल लंबाई 380 किलोमीटर होगी और इसे ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के नाम से जाना जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से यातायात की सहूलियत के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
380 किलोमीटर सफर में कौन-कौन से जिले होंगे शामिल
गाजियाबाद से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे कानपुर तक जाएगा और कुल 9 जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें शामिल हैं:
- गाजियाबाद
- हापुड़
- बुलंदशहर
- अलीगढ़
- कासगंज
- फर्रुखाबाद
- कन्नौज
- उन्नाव
- कानपुर
इस परियोजना से जुड़ने वाले जिलों में न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि इन क्षेत्रों के विकास की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
एक्सप्रेसवे के फायदे
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से कई लाभ होंगे, जो क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे:
- यात्रा समय में कमी: गाजियाबाद से कानपुर की यात्रा, जो वर्तमान में 8 घंटे में पूरी होती है, एक्सप्रेसवे बनने के बाद घटकर केवल 5.30 घंटे रह जाएगी।
- आर्थिक विकास: इस एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले क्षेत्रों में उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों की संभावनाएं बढ़ेंगी।
- रोजगार के अवसर: नए प्रोजेक्ट्स और व्यापारिक गतिविधियों के कारण हजारों रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- बुनियादी ढांचे का विकास: एक्सप्रेसवे से जुड़े 9 जिलों में आधुनिक सड़क परिवहन सुविधा और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे की मुख्य विशेषताएं
- शुरुआत में 4 लेन, बाद में 6 लेन: यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट प्रारंभ में 4 लेन का होगा, लेकिन भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तारित करने की योजना है।
- पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रोजेक्ट: यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसमें पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी: एक्सप्रेसवे का उत्तरी छोर NH-9 से और दक्षिणी छोर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे यातायात का एक व्यापक नेटवर्क तैयार होगा।
प्रोजेक्ट की समय सीमा
गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना पर काम तेजी से जारी है और जल्द ही निर्माण कार्य को अमलीजामा पहनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दिलाने के साथ-साथ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ाएगा।