राजस्थान सरकार ने प्रदेश के विकास को नई गति देने के लिए Gnaganagar-Kotputli Expressway की महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है। यह 290 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य गंगानगर से कोटपूतली तक एक तेज़ और सुरक्षित परिवहन मार्ग प्रदान करना है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस परियोजना की विशेषताएं और लाभ।
Gnaganagar-Kotputli Expressway का मार्ग
Gnaganagar-Kotputli Expressway श्री गंगानगर के रीको इंडस्ट्रियल एरिया बायपास से शुरू होकर कोटपूतली के मंडलाना तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा, जिनमें श्री गंगानगर, रावतसर, नोहर, भादरा, सादुलपुर, पिलानी, सूरजगढ़, भुआना, नरनौल और कोटपूतली शामिल हैं। इस मार्ग से न केवल छोटे शहरों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा बल्कि ग्रामीण इलाकों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
मुख्य विशेषताएं और डिजाइन
Gnaganagar-Kotputli Expressway को आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किया जाएगा। यह 6 लेन का हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे होगा, जहां वाहन 80 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे। इसे 2 से 2.5 मीटर ऊंचा बनाया जाएगा ताकि बारिश या अन्य जलभराव की समस्याओं से बचा जा सके। साथ ही, दोनों तरफ ऊंची फेंसिंग की जाएगी ताकि जानवरों का एक्सप्रेसवे पर आना रोका जा सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो।
यात्रा समय और ईंधन की बचत
वर्तमान में गंगानगर से कोटपूतली तक पहुंचने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है। Gnaganagar-Kotputli Expressway के बन जाने के बाद यह समय घटकर मात्र 3 घंटे रह जाएगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा और ईंधन की भी महत्वपूर्ण बचत होगी। तेज़, सुरक्षित और कम समय में यात्रा होने से व्यावसायिक ट्रकों और अन्य मालवाहकों के लिए यह मार्ग बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।
आर्थिक विकास और व्यापारिक लाभ
यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्य शहरों और उद्योगिक केंद्रों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। व्यापार और उद्योग को नए अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। इसके साथ ही, पंजाब और हरियाणा के साथ व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत होंगे। स्थानीय कृषि उत्पादों और छोटे उद्योगों को बड़े बाजारों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
सुरक्षा और यात्रा सुविधा
इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। हर 50 किलोमीटर के बाद कट बनाए जाएंगे, जिससे ट्रैफिक की रफ्तार बनी रहेगी और वाहनों का आवागमन आसान होगा। इसके अलावा, कम रफ्तार वाले वाहनों जैसे थ्री-व्हीलर, टू-व्हीलर, बैलगाड़ी और ऊंट गाड़ी की एक्सप्रेसवे पर एंट्री प्रतिबंधित होगी, जिससे तेज़ रफ्तार वाहनों की आवाजाही सुरक्षित होगी। यह नियम न केवल ट्रैफिक प्रबंधन को आसान बनाएगा बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी लाएगा।