हरियाणा सरकार ने राज्य के छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। अब हरियाणा के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हर महीने के दूसरे शनिवार को छुट्टी रहेगी। यह निर्णय 9 नवंबर 2024 से लागू हो गया है। सरकार का मानना है कि इस कदम से छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से आराम मिलेगा और उनकी ऊर्जा पुनः रिचार्ज हो सकेगी।
इस फैसले का उद्देश्य केवल छात्रों को अतिरिक्त अवकाश देना नहीं है, बल्कि उनके संपूर्ण विकास और पढ़ाई में बेहतर संतुलन स्थापित करना है।
आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश
हरियाणा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का पालन अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की गजटेड छुट्टी के दिन स्कूल बुलाने पर स्कूल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए।
स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी
यदि किसी स्कूल में नियमों का उल्लंघन होता है, तो स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि इस आदेश का पालन न करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।
स्कूल टाइमिंग बदलने की उठी मांग
छात्रों के अवकाश से जुड़ी इस पहल के साथ ही, हरियाणा पैरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूलों के समय में बदलाव की मांग की है।
सर्दियों के मौसम में देर शाम तक कक्षाएं चलने से छात्रों और अभिभावकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दिन जल्दी ढलने के कारण बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं और बढ़ जाती हैं। ऐसे में असोसिएशन ने सर्दियों के लिए स्कूलों के समय में बदलाव की सिफारिश की है, ताकि बच्चे सुरक्षित रूप से घर पहुंच सकें।
अतिरिक्त छुट्टी से छात्रों को होगा लाभ
महीने में एक अतिरिक्त छुट्टी मिलने से छात्रों को न केवल पढ़ाई से राहत मिलेगी, बल्कि वे अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी समय दे सकेंगे।
अभिभावकों का कहना है कि इससे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और वे आगामी शैक्षणिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
सरकार के कदम का स्वागत
हरियाणा सरकार के इस फैसले को अभिभावकों और शिक्षकों ने सकारात्मक कदम बताया है। यह निर्णय न केवल छात्रों की शारीरिक और मानसिक भलाई के लिए लाभकारी है, बल्कि उनके भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है।
संभावित बदलाव पर सरकार का रुख
सरकार ने पैरेंट्स एसोसिएशन द्वारा उठाई गई टाइमिंग बदलने की मांग को भी गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है। यदि इस दिशा में कदम उठाए जाते हैं, तो यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक और सकारात्मक प्रयास होगा।