टैक्स बचाने की योजना हर नौकरीपेशा और कारोबारी व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है। खासकर जब वित्तीय वर्ष समाप्त होने को होता है, तो इन्वेस्टमेंट प्रूफ सब्मिट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सालाना ₹2.5 लाख से अधिक की आय पर टैक्स देना पड़ता है। लेकिन, सही जानकारी और योजना के साथ आप अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा टैक्स से बचा सकते हैं। यहां हम टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट विकल्पों और टैक्स से बचाव के स्रोतों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
टैक्स फ्री इनकम के विभिन्न स्रोत
1. खेती से आय
भारत में खेती से होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं लगता। यह प्रावधान भारतीय कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को आर्थिक रूप से राहत देने के लिए बनाया गया है। यदि आपकी आय का स्रोत खेती है, तो यह पूरी तरह टैक्स फ्री होती है।
2. पार्टनरशिप फर्म से प्रॉफिट शेयरिंग
यदि आप किसी पार्टनरशिप फर्म में साझेदार हैं, तो उस फर्म से मिलने वाले प्रॉफिट पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता। यह इसलिए क्योंकि फर्म पहले ही उस लाभ पर टैक्स चुका चुकी होती है। यह प्रावधान टैक्स के दोहरे भुगतान को रोकने के लिए बनाया गया है।
वॉलंटरी रिटायरमेंट सर्विस (VRS)
सरकारी कर्मचारी, जो अपनी नौकरी से पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट लेते हैं, उन्हें ₹5 लाख तक की राशि टैक्स फ्री मिलती है। यह लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलता है, और इसका उद्देश्य उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
एचयूएफ (HUF) से मिली राशि
आयकर अधिनियम के सेक्शन 10(2) के तहत, यदि आपको अपने अविभाजित हिन्दू परिवार (HUF) से राशि मिलती है, तो वह पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। इसमें विरासत में मिली संपत्ति भी शामिल है। यह प्रावधान पारिवारिक संपत्ति के संरक्षण और उपयोग को बढ़ावा देता है।
माता-पिता से मिली संपत्ति और विरासत
परिवार से विरासत में मिली प्रॉपर्टी, जेवर या नकद राशि टैक्स के दायरे से बाहर होती है।
- यदि माता-पिता से मिली संपत्ति को आप किसी निवेश में लगाते हैं और उससे आय प्राप्त करते हैं, तो उस आय पर टैक्स देना होगा।
- यह प्रावधान परिवारों के बीच संपत्ति के हस्तांतरण को सरल बनाने के लिए लागू किया गया है।
गिफ्ट्स पर टैक्स छूट
सेक्शन 56(2)(x) के अनुसार,
- दोस्तों और रिश्तेदारों से ₹50,000 से कम के गिफ्ट्स टैक्स फ्री होते हैं।
- शादी के दौरान मिले गिफ्ट्स भी टैक्स फ्री हैं, जब तक वे विशेष रिश्तेदारों (जैसे पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन आदि) से हों।
- वसीयत में मिली संपत्ति भी टैक्स के दायरे से बाहर रहती है।
NRE सेविंग/FD अकाउंट से ब्याज
अगर आप NRI हैं, तो नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भारत में टैक्स फ्री होता है। यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो विदेश में रहकर भी भारत में निवेश करना चाहते हैं।
ग्रेच्युटी
किसी भी संस्थान में 5 साल से अधिक काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिलती है।
- सरकारी कर्मचारियों के लिए ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री है।
- प्राइवेट कर्मचारियों के लिए यह सीमा ₹10 लाख है।
यह नियम कर्मचारियों की सेवा के प्रति सम्मान और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू किया गया है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है।
- इसमें सालाना ₹1.5 लाख तक निवेश किया जा सकता है।
- निवेश पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि दोनों टैक्स फ्री होते हैं।
PPF में निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाता है और यह निवेशकों को स्थिर रिटर्न प्रदान करता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
यदि आप लगातार 5 साल तक EPF में निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर किए गए विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं लगता। यह प्रावधान कर्मचारियों को दीर्घकालिक बचत और निवेश के लिए प्रेरित करता है।