अगर आप बैंक से लगातार बड़े ट्रांजेक्शन कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक निश्चित सीमा के बाद बैंक में जमा की गई राशि सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। यह नियम न केवल सामान्य बचत खातों पर लागू होता है, बल्कि करंट अकाउंट पर भी इसे लागू किया जाता है। हालांकि, दोनों प्रकार के खातों में जमा राशि की सीमा अलग-अलग है, लेकिन यदि आप इस नियम से अनजान हैं, तो आपका पैसा जोखिम में पड़ सकता है।
सेविंग अकाउंट में बड़े ट्रांजेक्शन का असर
यदि आप अपने सेविंग अकाउंट से लगातार बड़े ट्रांजेक्शन कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करने पर, इसकी जानकारी अपने आप इनकम टैक्स विभाग तक पहुँच जाती है। इसके बाद आयकर विभाग आपसे इस राशि के स्रोत के बारे में सवाल कर सकता है। यदि आप इसका सही-सही जवाब नहीं दे पाते हैं या जानबूझकर इस जानकारी को छुपाते हैं, तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है।
जबलपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट, अनिल अग्रवाल के अनुसार, “यदि आपने अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया है और इस राशि के स्रोत की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी, तो आप पर 60% पेनल्टी टैक्स के रूप में वसूली जाती है। इसके अलावा लगभग 18% दूसरी प्रोसेसिंग फीस भी लगाई जाती है। इस तरह से कुल मिलाकर 78% पैसा सरकार के खजाने में चला जाता है। कोरोना से पहले तो यह पेनल्टी 99% तक थी।”
करंट अकाउंट पर पड़ी निगरानी
बड़े व्यापारी अक्सर अपने करंट अकाउंट से लेनदेन करते हैं, क्योंकि इस प्रकार के खातों में ज्यादा राशि का लेनदेन किया जा सकता है। लेकिन यदि करंट अकाउंट में 50 लाख रुपये से ऊपर का ट्रांजेक्शन किया जाता है और इसकी सही जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी जाती, तो इसके लिए भी पेनल्टी लग सकती है।
अनिल अग्रवाल का कहना है, “यदि आप किसी अकाउंट से 20 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं या निकालते हैं, तो बैंक एक प्रतिशत का टीडीएस (Tax Deducted at Source) काटता है। इसके अलावा रजिस्ट्री ऑफिस भी बड़े पैसों के लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग तक पहुंचाता है। इन नियमों के बाद से ब्लैक मनी पर नियंत्रण पाया गया है।”
सरकार के इन नियमों का उद्देश्य
सरकार के इन कड़े नियमों का उद्देश्य ब्लैक मनी पर नियंत्रण पाना और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी सरकार तक पहुँचने से, आयकर विभाग को यह समझने में मदद मिलती है कि कोई व्यक्ति या संस्था वास्तविक रूप से कितना क़ानूनी पैसा कमा रही है और कहीं वह अज्ञात स्रोत से तो पैसा नहीं कमा रही है।
आजकल बैंक से जुड़े लेनदेन के बारे में सरकार की निगरानी काफी बढ़ गई है, और यह स्थिति तब और भी संवेदनशील हो जाती है जब लोग जानबूझकर या अनजाने में टैक्स चोरी के मामलों में फंस जाते हैं। यदि आप भी बड़े ट्रांजेक्शन करते हैं, तो इन नियमों और पेनल्टी के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे।