उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के भरथना क्षेत्र के मेढ़ी दुधी गांव निवासी जीतू पाठक, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से खेती के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है, आज एक सफल किसान बन चुके हैं। सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई करने वाले इस किसान ने परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी और सब्जी उत्पादन में हाथ आजमाया।
महज पांच साल के भीतर अपनी मेहनत से उन्होंने खेती में समृद्धि की दिशा पकड़ ली और आज उनका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये है। इस सफलता की यात्रा ने उन्हें ना केवल आर्थिक रूप से मजबूत किया है, बल्कि उन्होंने आसपास के अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणा स्त्रोत बनकर दिखाया है।
बागवानी से हुई सफलता की शुरुआत
जीतू पाठक की सफलता की कहानी की शुरुआत चार एकड़ में परंपरागत खेती से हुई थी। वह पहले आलू और धान की खेती करते थे, लेकिन मौसम की मार और फसलों के असमय नुकसान के कारण उन्हें हर साल घाटा होता था। इस नुकसान से परेशान होकर उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी और सब्जी उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने सबसे पहले चार एकड़ भूमि में सब्जियों और फलों की पैदावार शुरू की, और धीरे-धीरे इस काम को बढ़ाते हुए आज वह 18 एकड़ (90 बीघा) में खेती कर रहे हैं। इनमें से 14 एकड़ भूमि उन्होंने 38,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से लीज पर ली है।
खेती में विविधता और लाभकारी फसलें
आज जीतू पाठक की खेती में विविधता है। वह केले, पपीते, गेंदा, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गोभी, हरी मिर्च और आलू जैसी विभिन्न फसलों की पैदावार करते हैं। इन फसलों की आपूर्ति इटावा, कानपुर, औरैया, मैनपुरी, जालौन, लखना और दिबियापुर जैसे इलाकों में होती है। उनका 25 लाख रुपये का सालाना टर्नओवर इस बात का प्रमाण है कि वह किस तरह से बागवानी और सब्जी उत्पादन के माध्यम से अपनी किस्मत बदलने में सफल रहे हैं।
रोजगार सृजन और मशीनरी का उपयोग
इतनी बड़ी खेती को सफलतापूर्वक चलाने के लिए जीतू पाठक ने 12 मजदूरों को काम पर रखा है, जिन्हें वह रोजाना 300 रुपये की दर से भुगतान करते हैं। इसके अलावा, उनकी मेहनत से प्राप्त मुनाफे ने उन्हें खेती के लिए ट्रैक्टर खरीदने में मदद की। उन्होंने दो ट्रैक्टर खरीदे हैं, जिनमें से एक फसलों के लिए उपयोग होता है, जबकि दूसरा ईंट भट्ठे पर काम आता है, जिससे उन्हें एकमुश्त धनराशि प्राप्त होती है।
गेंदा फूल की अच्छी खपत और फसल की बिक्री
जीतू पाठक की खेती में गेंदा फूल की विशेष महत्वपूर्णता है। वह एक सप्ताह में दो कुंतल गेंदा फूल की पैदावार करते हैं, और प्रतिदिन 60 किलो गेंदा का फूल निकलता है। सहालग के मौसम में इटावा और आसपास के जिलों में इसकी खपत बढ़ जाती है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है। वर्तमान में गेंदा का मूल्य 40 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रहा है, जो उनकी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है।
सम्मान और पुरस्कार
जीतू पाठक की मेहनत और सफलता को मान्यता मिली है। उन्हें किसान दिवस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, इटावा के जिला उद्यान अधिकारी श्याम सिंह ने भी उन्हें एक प्रगतिशील किसान के रूप में सराहा है।