देश के कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी और सुगम तरीके से पहुंचाना है। फार्मर रजिस्ट्री की दो चरणों में प्रक्रिया तय की गई थी, जिसमें पहला चरण 24 नवंबर 2024 को समाप्त हो गया, जबकि दूसरा चरण 31 दिसंबर 2024 तक चलेगा।
कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता ने इस योजना का महत्व बताते हुए कहा कि फार्मर रजिस्ट्री सभी किसानों के लिए आवश्यक है। यह पहल न केवल योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करती है, बल्कि किसानों की वित्तीय सुरक्षा को भी मजबूत करती है।
फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया
फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए सरकार ने कई विकल्प प्रदान किए हैं, ताकि प्रत्येक किसान को इस प्रक्रिया को पूरा करने में कोई असुविधा न हो।
ऑनलाइन विकल्प
किसान निम्नलिखित ऑनलाइन साधनों का उपयोग कर अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं:
- वेब पोर्टल (https://upfr.agristack.gov.in):
यह पोर्टल विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है ताकि किसान अपनी जानकारी स्वंय दर्ज कर सकें। इसमें गाटा संख्या, परिवार के सदस्यों की जानकारी और अन्य विवरण आसानी से अपडेट किए जा सकते हैं। - मोबाइल एप (Farmer Registry UP):
यह एप किसानों के लिए सरल और तेज प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। इसे अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करके किसान रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
ऑफलाइन विकल्प
ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई महसूस करने वाले किसान नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) पर जाकर अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
- खतौनी की प्रमाणित प्रति
- फैमिली आईडी नंबर या राशन कार्ड
- आधार कार्ड
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
रजिस्ट्रेशन के लिए समय सीमा
सरकार ने रजिस्ट्री की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तय की है। इसके बाद बिना रजिस्ट्री वाले किसानों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में असुविधा हो सकती है।
फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होने वाली जानकारी
फार्मर रजिस्ट्री के तहत किसानों की निम्नलिखित जानकारी दर्ज की जाती है:
- किसान का नाम और पिता का नाम
- स्वामित्व वाले गाटा की संख्या
- सह-खातेदार होने की स्थिति में हिस्सेदारी का विवरण
- किसान का मोबाइल नंबर और आधार संख्या
- ई-केवाईसी से जुड़ी जानकारी
ध्यान देने योग्य बात: यदि किसी किसान के स्वामित्व में परिवर्तन (जैसे विरासत या बयनामा) होता है, तो उनकी रजिस्ट्री स्वतः ही अमान्य हो जाएगी। इस प्रक्रिया से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि रजिस्ट्री में केवल सत्य और प्रामाणिक जानकारी हो।
योजनाओं का लाभ और रजिस्ट्री का महत्व
दिसंबर 2024 के बाद, पीएम किसान सम्मान निधि (PM-Kisan Samman Nidhi) योजना और अन्य सरकारी लाभों के लिए फार्मर रजिस्ट्री होना अनिवार्य होगा। इसके तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- किसी प्राकृतिक आपदा या फसल खराब होने की स्थिति में किसान को मुआवजा पाने में आसानी होगी।
- बैंकों और अन्य संस्थानों से फसली ऋण लेने के लिए रजिस्ट्री प्रमाण के रूप में काम करेगी।
- बाढ़, सूखा, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय मिलने वाली सरकारी सहायता में प्राथमिकता दी जाएगी।