उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली बिल वसूली के लिए पहली बार एक अनोखी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, बिजली बिल के बकायों की वसूली पर विद्युत सखी, मीटर रीडर, जनसेवा केंद्र और अधिकृत एजेंटों को 10% प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है। यह राशि बकाएदारों द्वारा मिलने वाली छूट से काटकर सीधे इन एजेंटों के खातों में जमा की जाएगी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) के 19 जिलों में लगभग 9,235 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें लेट पेमेंट सरचार्ज (LPSC) 6,500 करोड़ रुपये से अधिक है। इस योजना से सरकार बकाया वसूली के साथ एजेंटों को प्रोत्साहन देकर उन्हें अधिक सक्रिय बनाने का प्रयास कर रही है।
योजना का उद्देश्य और प्रोत्साहन का फंडा
बिजली विभाग ने इस योजना के तहत बकाया बिल वसूली की प्रक्रिया को अधिक सरल और प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें एजेंटों को 10% तक की प्रोत्साहन राशि कमाने का सुनहरा मौका दिया जा रहा है। यह प्रोत्साहन राशि उन्हें बकाएदारों को बिजली बिल जमा करने के लिए प्रेरित करने के बदले में दी जाएगी।
मीटर रीडर और विद्युत सखी जैसे लोग अब बकाएदारों की सूची के साथ उनके घर-घर जाकर इस योजना की जानकारी दे रहे हैं। कुछ एजेंट अपनी प्रोत्साहन राशि में से 3% से 5% तक बकाएदारों को वापस देने का वादा भी कर रहे हैं, बशर्ते वे समय पर पूरा बकाया चुका दें।
बकाया वसूली की स्थिति और एजेंटों की भूमिका
मध्यांचल क्षेत्र में 66 लाख से अधिक बकाएदार हैं, जिनमें घरेलू, वाणिज्यिक, निजी संस्थान और छोटे उद्योग शामिल हैं। अकेले लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में 137 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें से 71 करोड़ रुपये LPSC के तहत हैं। अगर यह पूरा बकाया वसूला जाता है, तो एजेंटों को 7 करोड़ रुपये तक की प्रोत्साहन राशि मिल सकती है।
निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार के अनुसार, इस योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बकाएदार समय पर बिल जमा करें।